Rajpal Yadav Court Case : बॉलीवुड अभिनेता राजपाल यादव को एक चेक बाउंस मामले में फंसे होने के बावजूद दिल्ली हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अदालत ने उन्हें 17 से 20 अक्टूबर तक दुबई में होने वाले “बिहार कनेक्ट ग्लोबल दिवाली सेलिब्रेशन” इवेंट में बतौर गेस्ट ऑफ ऑनर शामिल होने की अनुमति दी है। जस्टिस स्वर्ण कांता शर्मा की बेंच ने सुनवाई के दौरान यह फैसला सुनाया। अदालत ने कहा कि राजपाल यादव (Rajpal Yadav Court Case) अपनी आधिकारिक यात्रा पर दुबई जा सकते हैं, बशर्ते वे अदालत की निर्धारित शर्तों का पालन करें।
दिल्ली हाईकोर्ट ने रखी सख्त शर्तें
दिल्ली हाई कोर्ट ने अभिनेता राजपाल यादव को विदेश यात्रा की मंजूरी देते हुए यह शर्त रखी कि उन्हें एक लाख रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट रसीद अदालत की रजिस्ट्री में जमा करनी होगी। साथ ही, उन्हें अपना मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी देना होगा जो दुबई प्रवास के दौरान सक्रिय रहेंगे। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि यादव की पत्नी का पासपोर्ट सुरक्षा के तौर पर ट्रायल कोर्ट में जमा रहेगा। वहीं राजपाल यादव (Rajpal Yadav Court Case) को भारत लौटने के बाद अपना पासपोर्ट दोबारा अदालत में जमा करना होगा।
राजपाल यादव के वकील ने अदालत को बताया कि यह यात्रा आधिकारिक निमंत्रण पर की जा रही है और अभिनेता सभी शर्तों का पालन करेंगे। वहीं, शिकायतकर्ता कंपनी “मुरली प्रोजेक्ट्स” के वकील ने भी यादव की यात्रा पर कोई आपत्ति नहीं जताई।
पहले भी दी गई थी विदेश यात्रा की अनुमति
यह पहली बार नहीं है जब दिल्ली हाईकोर्ट (Rajpal Yadav Court Case) ने अभिनेता को विदेश जाने की इजाजत दी है। इससे पहले जून 2025 में भी अदालत ने उन्हें ऑस्ट्रेलिया यात्रा की मंजूरी दी थी, जहां वे अपनी फिल्म ‘मेरा काले रंग दा यार’ के प्रमोशन कार्यक्रम में शामिल हुए थे। उस दौरान अदालत ने उनकी सजा को अस्थायी रूप से निलंबित किया था और माना था कि यादव ने शिकायतकर्ता कंपनी के साथ समझौते की दिशा में ईमानदारी से प्रयास किए हैं।
फिल्म फाइनेंसिंग विवाद से जुड़ा है मामला
यह मामला एक फिल्म फाइनेंसिंग डील से जुड़ा है, जो असफल रही और आर्थिक नुकसान का कारण बनी। बताया गया है कि राजपाल यादव की प्रोडक्शन कंपनी ने एक निजी निवेशक से वित्तीय सहायता ली थी, लेकिन फिल्म के असफल होने के कारण विवाद उत्पन्न हुआ। यह मामला वर्तमान में दिल्ली हाईकोर्ट मध्यस्थता केंद्र में आपसी सुलह के लिए लंबित है। अदालत ने दोनों पक्षों को सहयोग की भावना से सुलह का प्रयास जारी रखने की सलाह दी है।