राजनांदगांव, नवप्रदेश। छत्तीसगढ़ पैरेंट्स एसोसियेशन के प्रदेश अध्यक्ष क्रिष्टोफर पॉल ने राज्य सरकार को पत्र लिखकर यह जानकारी दिया है कि राजगामी संपदा के अध्यक्ष ने दिनांक 04.09.2021 को शासन को खसरा नंबर 369 (नया 183 एवं 184) रकबा 1,5,000 वर्गफुट के संबंध में दी मिथ्या जानकारी।
पॉल ने बताया कि किसी भी तत्कालीन कलेक्टर ने दिनांक 12.12.1975 को कभी इस भूमि को रायपुर डायोसिसए एज्युकेशन सोसायटी, रायपुर को वायडनेयर स्कूल निर्माण और संचालन करने की अनुमति नहीं दी थी, जबकि राजगामी संपदा के अध्यक्ष ने राज्य शासन को पत्र लिखकर यह मिथ्या जानकारी दिया है कि
कलेक्टर राजनांदगांव द्वारा अपने अर्द्धशासकीय पत्र क्रमांक/7684/क्यू/एस.सी./75 दिनांक 12.12.1975 को राजगामी संपदा की भूमि खसरा नंबर 369 रकबा 1,50,000 वर्गफुट को रायपुर डायोसिसए एज्युकेशन सोसायटी, रायपुर को प्राईमरी स्कूल, वाइडनेयर स्कूल संचालित करने 30 वर्षो के लिए लीज पर दिए जाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था।
श्री पॉल ने अनुसार तथ्यात्मक जानकारी यह है कि तत्कालीन कलेक्टर द्वारा दिनांक 09.12.1975 को स्कूल निर्माण करने राजगामी संपदा की भूमि खसरा नंबर 369 (नया 183 एवं 184), रकबा 1,50,000 वर्गफुट को रायपुर धर्मप्रदेशिय समाज, रायपुर, पंजीयन क्रमांक 4180, पंजीयन दिनांक 01.03.1975 को प्राईमरी स्कूल वाइडनेयर स्कूल निर्माण करने शासन की स्वीकृति प्रत्याशा में भूमि की अग्रिम अधिपत्य दिनांक 09.12.1975 को दिया जाकर दिनांक 12.12.1975 को 30 वर्षो के लिए लीज पर दिये जाने बाबत् प्रस्ताव शासन को भेजा गया था,
जिसका आज तक शासन से आंबटन-हस्तांतरण आदेश प्राप्त नहीं हुआ है। राजस्व रिकार्ड के अनुसार राजगामी संपदा की भूमि खसरा नंबर 369 रकबा 1,50,000 वर्गफुट रायपुर धर्मप्रदेशिय समाज, रायपुर को वर्ष 1975 को दिया गया है ना कि रायपुर डायोसिसए एज्युकेशन सोसायटी, रायपुर को जो वर्ष 1975 में अस्तित्व में नही था।
श्री पॉल का कहना है कि राज्य सरकार ने आज तक खसरा नंबर 369 (नया 183 एवं 184), रकबा 1,50,000 वर्गफुट को वाइडनेयर स्कूल के नाम से हस्तांतरित करने बाबत् आबंटन आदेश जारी नहीं किया गया है। तत्कालीन कलेक्टर ने शासन की स्वीकृति प्रत्याशा में भूमि की अग्रिम अधिपत्य वर्ष 1975 को दिया था। यानि सारा खेल प्रत्याशा के नाम से हुआ है।