औसत रूप से एक लाख 70 हजार लोगों को मिल रहा काम
लंबित मजदूरी 45 करोड़ का हो गया पूरा भुगतान
नवप्रदेश संवाददाता
राजनांदगांव। मनरेगा के तहत राजनांदगांव जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में जरूरतमंद लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने 4 हजार 500 कार्य चलाए जा रहे हैं। योजना के तहत गोठान निर्माण, सामुदायिक तालाब निर्माण, निजी डबरी तथा तालाब एवं बांध गहरीकरण के कार्य किये जा रहे हैं। मनरेगा के मजदूरों को रूके हुए मजदूरी के 45 करोड़ रूपये का भुगतान भी पूरा कर दिया गया है। आवंटन प्राप्त नहीं होने के कारण मजदूरी का भुगतान लंबित था। अब एक साथ सभी लंबित मजदूरी का भुगतान हो गया है।
कलेक्टर जयप्रकाश मौर्य ने आज बताया कि जिले में 798 ग्राम पंचायतें हैं। डोंगरगांव विकासखंड की 74 ग्राम पंचायतों में 322, मानपुर विकासखंड की 56 ग्राम पंचायतों में 367, मोहला विकासखंड की 56 ग्राम पंचायतों में 311, छुरिया विकासखंड की 115 ग्राम पंचायतों में 688, अम्बागढ़ चौकी विकासखंड की 69 ग्राम पंचायतों में 537, डोंगरगढ़ विकासखंड की 100 ग्राम पंचायतों में 697, खैरागढ़ विकासखंड की 114 ग्राम पंचायतों में 444, राजनांदगांव विकासखंड की 108 ग्राम पंचायतों में 656 तथा छुईखदान विकासखंड की 106 ग्राम पंचायतों में 453 कार्य चल रहे हैं। श्री मौर्य ने बताया कि इन कार्यो से प्रतिदिन औसत रूप से एक लाख 70 हजार मजदूरों को रोजगार मुहैय्या कराया जा रहा है। श्री मौर्य ने बताया कि डोंगरगांव विकासखंड में 10 हजार 646, मानपुर विकासखंड में 13 हजार 457, मोहला विकासखंड में 13 हजार 67, छुरिया विकासखंड में 23 हजार 906, अम्बागढ़ चौकी विकासखंड में 16 हजार 639, डोंगरगढ़ विकासखंड में 20 हजार 29, खैरागढ़ विकासखंड में 25 हजार 729, राजनांदगांव विकासखंड में 22 हजार 105 तथा छुईखदान विकासखंड में 26 हजार 28 इस प्रकार पूरे जिले में औसत रूप से प्रतिदिन एक लाख 71 हजार 606 जरूरतमंद लोगों को मनरेगा के तहत काम मिल रहा है। श्री मौर्य ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2018-19 में मनरेगा के तहत दो सौ 64 करोड़ 30 लाख रूपये की मजदूरी का भुगतान किया गया है।
श्री मौर्य ने बताया कि जिले की ऐसी ग्राम पंचायतें जहां पानी की समस्या है वहां मनरेगा के तहत भू-जल और सतही जल के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए प्राथमिकता के आधार पर कार्य करने विस्तृत योजना बनाई गई है। ऐसी ग्राम पंचायतों को चिन्हित कर सूची तैयार कर ली गयी है।