नवप्रदेश संवाददाता
राजनांदगांव। छग-महाराष्ट्र सीमा पर कोरचाटोला व बोगाटोला के मध्य निर्मित प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क ठेकेदार की लापरवाहियों के चलते ग्रामीणों के लिए जानलेवा साबित हो रही है। इस मार्ग में हर दिन कहीं न कहीं छोटी बड़ी दुर्घटनाए हो रही है। आश्चर्य है कि एक वर्ष पूर्व हुए सड़क निर्माण में ठेकेदार ने पटरी में मुरूम को फैलाया ही नहीं है। जिससे यह रूट पुरी तरह दुर्घटनाजन्य सड़क बन गई है। इससे ग्रामीणों में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क विभाग की कार्यप्रणाली व लापरवाही को लेकर भारी आक्रोश है।
अंबागढ़ चौकी विकासखंड के अंतिम छोर पर प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क विभाग द्वारा कोरचाटोला व बोगाटोला के मध्य एक वर्ष पूर्व सड़क का निर्माण किया गया है। इस सड़क का निर्माण करने वाली फर्म ने सड़क तो बनाई है, लेकिन पटरी पर मुरूम फैलाना भूल गए है। जिससे इस रूट पर नित्य छोटी-बड़ी दुर्घटनाएं हो रही है। खुर्सीटिकुल व कोरचाटोला ग्राम पंचायत की सरपंच श्रीमती पूनम देवी सलामे व श्रीमती नीलिमा ठाकुर बस्तर सलामे, रामसाय सलामे, निजामसाय घावडे, प्रकाश गजभिये, दिलीप मेश्राम, मंगियाराम, लालसाय सलामे ने बताया कि सड़क में पटरी के दोनों दिशाओं में मुरूम डंप करके रखा गया है, पर इसे फैलाया नहीं गया है जिससे आए दिन यहां पर दुर्घटनाएं हो रही है। शिकायतकर्ता ग्रामीणों ने बताया कि वे एक वर्ष से पटरी पर मुरूम फैलाने के लिए प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क विभाग के अधिकारियों को शिकायत कर रहे है, लेकिन समस्या का निराकरण नहीं हो पा रहा है।
ठेकेदार द्वारा की गई गड़बड़ी व लापरवाही पर कार्रवाई की मांग
सोमवार को ब्लॉक मुख्यालय अंबागढ़ चौकी में आयोजित हुई विधायक व अधिकारियों की बैठक में यह मामला जोर-शोर से उठाया गया। नगर पंचायत अध्यक्ष अनिल मानिकपुरी व खुर्सीटिकुल के पूर्व सरपंच कांग्रेस नेता बस्तर सलामे ने कोरचाटोला, बोगाटोला सड़क निर्माण में ठेकेदार द्वारा की गई गड़बड़ी व लापरवाही के मुद्दे को उठाते हुए इस मामले में कार्रवाई की मांग की। विधायक इंद्रशाह मंडावी ने मामले की जानकरी मिलते ही प्रधानमंत्री सड़क विभाग के अधिकारियों से चर्चा कर इस समस्या के निदान त्वरित कराने का निर्देश दिया।
मुरूम के चक्कर में ग्रामीण हो रहे दुर्घटनाग्रस्त
कोरचाटोला व खुर्सीटिकुल ग्राम पंचायत के सरपंच एवं ग्रामीणों ने बताया कि कोरचाटोला व बोगाटोला के मध्य एक वर्ष में कई सड़क दुर्घटनाएं हुई है। शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि सभी दुर्घटनाएं सड़क किनारे पटरी में डंप कर रखी गई मुरूम के चक्कर में हुई है। उन्होंने बताया कि सड़क में जब दोनों दिशाओं से वाहनों की क्रासिंग होती है, उसी समय पटरी में रखे गए मुरूम के चक्कर में ग्रामीण दुर्घटनाग्रस्त होते है। जानकारी दी गई कि पिछले एक वर्ष में 6 मौतें हुई है। जिसमे एक ओंटेबांधा व 5 महाराष्ट्र के निवासियों की मौत हुई है।
समस्या निराकरण नहीं होने पर ग्रामीण करेंगे आंदोलन
कोरचाटोला, खुर्सीटिकुल, बोगाटोला, ओटेबांधा के ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि जल्द से जल्द यदि इस समस्या का निराकरण नहीं किया गया तो वे आंदोलन के लिए सड़क पर आएंगे। खुर्सीटिकुल ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच श्रीमती पूनम देवी सलामे व बस्तर सलामे ने कहा कि एक सप्ताह के अंदर मुरूम को पटरी में नहीं फैलाया गया तो वे कोरचाटोला, चिल्हाटी मार्ग में ओटेबांधा के समीप चक्काजाम करेंगे।