रायपुर/नवप्रदेश। राजिम (rajim maghi punni mela) माघी पुन्नी मेले का रविवार को आगाज होगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (cm baghel) मुख्य मंच राजिम में शाम 7 बजे इस मेले का उद्घाटन करेंगे (to inaugurate) । देश में अपनी अलग पहचान बनाने वाला यह मेला अपने प्राचीन और पारम्परिक स्वरूप में 21 फरवरी यानी महाशिवरात्रि तक राजिम में पवित्र पैरी, सोंढूर और महानदी के त्रिवेणी संगम तट पर आयोजित होगा।
गौरतलब है कि राज्य सरकार ने राजिम (rajim maghi punni mela) कुंभ कल्प मेला अधिनियम 2006 में संशोधन करके ‘छत्तीसगढ़ राजिम कुंभ मेला’ का नाम परिवर्तन कर उसका प्राचीन नाम ‘राजिम माघी पुन्नी मेला’ करके मूल स्वरूप प्रदान किया है। छत्तीसगढ़ में आस्था के इस महापर्व के लिए तैयारी पूर्णता की ओर है। मेले में पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता और मूलभूत सुविधाओं का विशेष ध्यान रखा जा रहा है। वहीं मुख्यमंत्री बघेल (cm baghel) आस्था के इस महापर्व का शुभारंभ करेंगे (to inaugurate) ।
की गई हैं ये व्यवस्थाएं
- राजिम माघी पुन्नी मेला के लिए नदी पर रेत की अस्थायी सड़क बनाई गई है।
- विशेष पर्व स्नान के लिए कुंड निर्माण एवं समय पर नदी में पानी छोडऩे की तैयारी की गई है।
- मेला क्षेत्र में पेयजल की व्यवस्था, अस्थायी शौचालय बनाने, स्वास्थ्य सुविधाओं के साथ ही डॉक्टरों की टीम हमेशा मौजूद रहेगी।
- मेले में 50 दाल-भात सेंटर संचालित किए जाएंगे।
- मेले में आवागमन की सुविधा के लिए नियमित और पर्याप्त संख्या में बसों का संचालन, समुचित प्रकाश व्यवस्था एवं सुरक्षा संबंधी इंतजाम किए जा रहे हैं ।
- मेला क्षेत्र में कपड़ा एवं कागज के थैलों के उपयोग को बढ़ावा दिया जायेगा।
मंच पर हर दिन बिखरेंगे छत्त्तीसगढ़ी संस्कृति के रंग
राजिम माघी पुन्नी मेला में छत्तीसगढ़ी सांस्कृति एवं लोक परम्पराओं पर आधारित कार्यक्रम की प्रमुखता रहेगी। गत वर्ष की ही भांति इस वर्ष भी राजिम माघी पुन्न्नी मेला के अवसर पर प्रदेश के लोक कलाकार दलों को मंच प्रदान किया जाएगा।
मेले में छत्तीसगढ़ की पारंपरिक लोक खेलों एवं प्रतियोगिताओं का आयोजन होगा इसमें गावों के बच्चे बड़े उत्साह से भाग लेंगे। मुख्य मंच पर प्रतिदिन रात्रि 8 बजे से 10 बजे तक रंगारंग कार्यक्रमों की प्रस्तुत होगी। स्थानीय कलाकारों द्वारा शाम 5.30 बजे से रात्रि 8 बजे तक कार्यक्रम प्रस्तुत किया जाएगा। मेले में नाचा, पंडवानी, रामधुनी, सुआ नृत्य, भोजली, डंडा नृत्य, राउत नाचा, गेड़ी नृत्य आदि आकर्षण के केन्द्र होंगे।