जब 60 लाख रूपये एक्सटॉर्शन मनी नहीं मिली तो प्रोटेक्शन मनी के लिए प्रेशर बनाया गया फिर साढ़े 20 लाख में उठ गई सुपारी
रायपुर/नवप्रदेश। Raipur Police interrogat Lawrence Bishnoi gang : लॉरेंस गैंग को एक्सटॉर्शन मनी नहीं मिली तो प्रोटेक्शन मनी के लिए प्रेशर बनाया गया था। जब 60 लाख रूपये गैंग को नहीं मिले तब महज साढ़े 20 लाख में पप्पू सिंह और अन्य गुर्गों को सुपारी दे दी गई थी। बताते हैं कि मेल से धमकी मिलने के बाद सितम्बर 2023 में बारबेट और आरटीसी कंपनी के संचालकों- कारोबारियों ने की थी झारखंड पुलिस में शिकायत।
रविवार को रायपुर पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए लारेंस बिश्नोई गैंग के गुर्गों से पूछताछ के दौरान कई सनसनीखेज़ जानकारी निकलकर आ रही हैं। खबर के मुत्तलिक पप्पू सिंह को छत्तीसगढ़ के दोनों कारोबारियों की सुपारी की रकम का खुलासा हुआ है। सूत्रों के मुताबिक झारखंड में कारोबार कर रहे छत्तीसगढ़ के रायगढ़ और रायपुर में रहने वाले कारोबारी से लॉरेंस बिश्नोई गैंग के गुर्गे ने सितम्बर 2023 मेल भेज कर प्रोटेक्शन मनी की मांग थी।
जिसकी शिकायत दोनों कारोबारियों ने झारखण्ड के स्थानीय पुलिस थाने में की थी। मलेशिया से गैंग को ऑपरेट कर रहे मयंक सिंह ने दोनों कारोबारियों से 60 लाख रूपए की पहली किश्त और हर साल 5 लाख रूपए की फिरौती की मांग की थी। लेकिन दोनों कारोबारियों द्वारा पैसे देने से इंकार किए जाने के बाद मयंक ने राजस्थान के कुख्यात आरोपी पप्पू सिंह से संपर्क किया जिसके बाद दोनों कारोबारियों की सुपारी महज साढ़े 20 लाख में दे दी। पुलिस अधिकारीयों की माने तो गिरफ्तार आरोपियों ने कई चौकाने वाले खुलासे किए है जिसकी बारीकी से जांच की जा रही है।
पप्पू को 10, ड्राइवर को साढ़े 4, शूटर को मिलते 6 लाख
सूत्रों के मुताबिक कारोबारियों की हत्या के लिए पप्पू सिंह ने जिन दो शातिर बदमाशों को हायर किया था उनमे से गाडी चलाने वाले ड्राइवर को कारोबारियों की हत्या के बाद साढ़े 4 लाख और शूटर को 6 लाख रूपए देने की बात तय हुई थी । वहीँ पप्पू सिंह को काम पूरा होने के बाद 10 लाख रूपए मिलने थे।
एक दूसरे से अनजान रहते हैं गैंग के शूटर
लॉरेंस बिश्नोई गैंग ने जिस पप्पू सिंह गैंग को छत्तीसगढ़ के कारोबारियों की हत्या की सुपारी दी थी। उस गैंग का वारदात को अंजाम देने का तरीका बाकि गैंग से थोड़ा अलग है। पुलिस अधिकारीयों के अनुसार पप्पू सिंह हर अपराध को अंजाम देने के लिए अलग अलग राज्यों से एक दूसरे से अनजान लड़कों को हायर करता है। साथ ही एक घटना को अंजाम देने के बाद वारदात में शामिल आरोपी फिर एक दूसरे से न कभी मिलते हैं और न ही उन्हें कोई काम एक साथ करने दिया जाता है।
गोली मारकर 15 मिनट में शहर छोड़ने का था प्लान
पुलिस को मिले गैंगस्टर मयंक और पप्पू के बीच मेल द्वारा चैटिंग से आरोपियों को रायपुर में पहले कारोबारी की हत्या को अंजाम देने के बाद तत्काल रायगढ़ के लिए रवाना होने का आदेश मिला था जहाँ उन्हें कुछ दिन छुपने के लिए शहर के किसी छोटे लॉज य फिर रेलवे स्टेशन में रुकने के निर्देश पप्पू ने दिए थे उसके बाद रायगढ़ में दूसरे कारोबारी की हत्या करने के बाद झारसुगुड़ा ओडिशा फरार हो जाने को कहा गया था। इतना ही नहीं दोनों बदमाशों को वारदात को अंजाम देने के महज 15 मिनट के भीतर ही मौकाए वारदात से होने की भी बात पप्पू सिंह ने कही थी।
टारगेट में बारबेट और आरटीसी कंपनी के थे संचालक
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जिन कारोबारियों की हत्या करने लॉरेंस बिश्नोई गैंग के गुर्गे छत्तीसगढ़ आए थे उनमे से एक झारखण्ड स्थित बारबेट कंपनी के मालिक हैं तो वहीँ दूसरे कारोबारी आरटीसी प्राइवेट लिमिटेड झारखण्ड के संचालक है। दोनों ही कारोबारी छत्तीसगढ़ के रायपुर और रायगढ़ के रहने वाले हैं फिलहाल इस बात की पुष्टि पुलिस अधिकारीयों ने नहीं की है।