रायपुर/नवप्रदेश। रायपुर (raipur) के 16 वर्षीय दिव्यांग बॉडी बिल्डर ए. शिवा राव (divyang body builder a. shiva rao) ने बता दिया है कि हौसला बुलंद हो तो चुनौतियां भी बौनी साबित हो जाती हैं। शिवा के पैरों में भले ताकत न हो पर उनके जज्बे के पंख काफी मजबूत हैं, जिनकी बदौलत शिवा सफलता की उड़ान भर रहे हैं।
रायपुर (raipur) के दिव्यांग बॉडी बिल्डर ए. शिवा राव (divyang body builder a. shiv rao) ने हाल ही में उत्तर प्रदेश के आगरा में आयाेजित नेशनल बॉडी लिफ्टिंग प्रतियोगिता में दूसरा स्थान हासिल कर रजत पदक अपने नाम किया (win silver medal)। अपने पैरों की कमजोरी को शिवा मन पर हावी नहीं होने देते।
तभी ताे जीतोड़ मेहनत कर रहे हैं। ए. शिवा राव की मां ए. सीतामा राव ने नवप्रदेश से खास बातचीत में बताया कि शिवा सुबह 8 बजे स्कूल के लिए घर से निकलते हैं और रात 8-8:30 बजे घर वापिस आते हैं। स्कूल के बाद शिवा जिम में घंटों पशीना बहाते हैं। शिवा के परिवार की आर्थिक स्थिति बहुत ज्यादा अच्छी नहीं है। उनके पिता ए. सीमांचल राव बंगलों में माली का काम करके बमुश्किल 10-12 हजार रुपया प्रतिमाह कमा पाते हैं।
पीठ में हुए दर्द का ऑपरेशन बना विकलांगता का कारण
रायपुर के बॉडी बिल्डर ए. शिवा राव जन्म से कोई परेशानी नहीं थी लेकिन जन्म के साल भर के भीतर ही उनकी पीठ काफी फुल गई। यह एक प्रकार का दर्द था, जिसे दूर करने के लिए ओडिशा में उनका ऑपरेशन कराया गया।
शिवा के पिता ए सीमांचल राव के मुताबिक इस ऑपरेशन के दौरान ही कुछ गड़बड़ हुई होगी, जिसके चलते शिवा के दोनों पैरों की ताकत क्षीण होने लगी।
फिर राजस्थान में हुआ पैरों का ऑपरेशन
इसके बाद शिवा के पैरों का ऑपरेशन कराया गया। शिवा जब पांच साल का था तो उनके पैरों का ऑपरेशन राजस्थान में कराया गया, लेकिन यह भी पूरी तरह सफल नहीं रहा।
शिवा के पैरों में आम इंसान के तरह ताकत नहीं आ सकी। हालांकि अब लकड़ी व पैरों को सीधा रखने वाले स्ट्रक्चर के सहारे वे कुछ कदम चल पाते हैं। लेकिन इन चुनौतियों को मात देते हुए शिवा अपने लक्ष्य की ओर बढ़ रहे हैं। आगरा में नेशनल बॉडी लिफ्टिंग प्रतियोगिता में रजत पदक जीतकर (win silver medal) उन्होंने अपने हौसलों की उड़ान का परिचय दे दिया।