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Raipur Black Money Scandal : गोल्डमैन’ रोहित तोमर और करणी सेना अध्यक्ष वीरेंद्र तोमर के ठिकानों पर रेड – करोड़ों की संपत्ति, हथियार और काली कमाई का खुलासा

रायपुर, 4 जून| Raipur Black Money Scandal : छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में मंगलवार रात एक बड़ा पुलिस एक्शन सामने आया। करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह उर्फ रूबी तोमर और उनके भाई हिस्ट्रीशीटर रोहित सिंह तोमर के आवासों पर क्राइम ब्रांच की 9 घंटे लंबी छापेमारी से सनसनी फैल गई है।

क्या मिला छापे में?

25 सदस्यीय पुलिस दल ने महिला कर्मियों के साथ तोमर बंधुओं के ठिकानों पर दबिश दी। अब तक की छापेमारी में पुलिस को मिला:

कई करोड़ की नकदी

2 किलो सोना

2 पिस्टल व 20 कारतूस

एक लग्जरी गाड़ी

अवैध सूदखोरी से अर्जित संपत्तियों के दस्तावेज

कौन हैं वीरेंद्र और रोहित तोमर?

वीरेंद्र सिंह तोमर करणी सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं, जबकि रोहित तोमर रायपुर में ‘गोल्डमैन’ के नाम से कुख्यात है। रोहित के खिलाफ 12 से ज्यादा संगीन मामले दर्ज हैं, जिनमें सूदखोरी, वसूली, गोलीबारी, अपहरण और महिलाओं से मारपीट शामिल हैं।

पुलिस रिकॉर्ड में रोहित एक सक्रिय हिस्ट्रीशीटर है, और वह अपने महंगे लाइफस्टाइल, सोने से जड़े कपड़ों और गाड़ियों के काफिले के लिए बदनाम रहा है। पुलिस के अनुसार, वह अवैध सूदखोरी के पैसे से आलीशान जिंदगी जीता रहा है।

छापे के बाद फरार हुए दोनों भाई

क्राइम ब्रांच की कार्रवाई शुरू होते ही वीरेंद्र और रोहित तोमर रायपुर छोड़कर फरार हो गए। रोहित का मोबाइल बंद है और उसका निजी बाउंसर भी गायब (Raipur Black Money Scandal)है। पुलिस ने कई टीमों को संभावित ठिकानों पर रवाना किया है।

तोमर परिवार के आपराधिक रिकार्ड्स

वर्ष                        आरोप                                                      क्षेत्र

2006             कारोबारी पर चाकू से हमला                           आजाद चौक

2010                    उगाही और मारपीट                                 गुढियारी

2013                         हत्या                                                             कोतवाली

2015                    अप्राकृतिक कृत्य                                            अमलीडीह

2017-2019      सूदखोरी, ब्लैकमेलिंग                                   हलवाई लाइन, भाठागांव

परिवार की महिलाएं भी कई मामलों में आरोपी हैं।

बड़ा खुलासा संभव

पुलिस सूत्रों का कहना है कि यह छापा किसी बड़े आपराधिक नेटवर्क से जुड़ा हुआ हो सकता है। आर्थिक अपराध शाखा, इन्कम टैक्स और प्रवर्तन निदेशालय भी इस मामले की पड़ताल में शामिल हो सकते हैं।

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