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आम और खास के बाद अब शहरी चुनाव की तैयारी शुरु

  • राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची की तैयार करने सीईओ कार्यालय से छत्तीसगढ़ की वो अंतिम मतदाता सूची मांगी है जिसके आधार पर लोकसभा चुनाव करवाए गए थे। लोकसभा के नतीजों के बाद राज्य निर्वाचन आयोग स्थानीय चुनावों की मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा बनेगी।

नवप्रदेश संवादाता
रायपुर। छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव की महती जिम्मेदारी चुनाव आयोग ने पूरी कर ली है। लोकसभा चुनाव भी संपन्न करवा लिया बस मतगणना बाकी है। इसके लिए भी चुनाव आयोग के दिशा-निर्देश पर राज्य निर्वाचन आयोग ने पुख्ता इंतजाम किया। अब राज्य निर्वाचन आयोग लोकसभा चुनाव मतगणना के साथ ही साथ निकाय व पंचायतों के चुनाव की तैयारियां भी शुरु कर दी है। शहरी सरकार के चुनावों के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने सीईओ से वोटर लिस्ट भी मांगी है। ये चुनाव दिसंबर जनवरी और पंचायतों के चुनाव फरवरी -मार्च में हो ने हैं। इस सिलसिले में राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची की तैयार करने सीईओ कार्यालय से छत्तीसगढ़ की वो अंतिम मतदाता सूची मांगी है जिसके आधार पर लोकसभा चुनाव करवाए गए थे। लोकसभा के नतीजों के बाद राज्य निर्वाचन आयोग स्थानीय चुनावों की मतदाता सूची के पुनरीक्षण कार्यक्रम की रूपरेखा बनेगी। इसमें पुनरीक्षण कार्यक्रम की अवधि तय की जाएगी। इसके बाद मतदाता सूची में नए नाम जोडऩे और संशोधन का व्यापक अभियान चलाया जाएगा। इसका काम अगस्त-सिंतबर में और अंतिम प्रकाशन सिंतबर में किए जाने के संकेत है। उसके बाद वार्ड और निकायों का आरक्षण रोस्टर घोषित होगा। फिर अक्टूबर में चुनाव कार्यक्रम जारी होगा। सभी निकायों ने राजस्व विभाग के कर्मचारियों के साथ मिलकर वार्डों का सर्वे कराया है। प्रदेश के अधिकांश वार्डों के सर्वे का काम लगभग पूरा हो गया है। सीमाएं भी तय हो गई हैं। आबादी के आधार पर इस बार सीमा तय की गई है। चुनाव आचार संहिता हटते ही प्रक्रिया में तेजी आएगी। नगरीय प्रशासन विभाग ने सभी डीआरओ और आयुक्तों और सीएमओ से उनके निकायों में वर्तमान वार्डों की संख्या और शहर की जनसंख्या के आंकड़े मंगाए थे, ताकि वार्डों का नए सिरे से परिसीमन किया जा सके।
6 हजार तक होगी वार्डों की आबादी
नगर निगम एक्ट के अनुसार परिसीमन वार्डों की संख्या बढ़ाए बिना आबादी का समायोजन किया जाएगा। इसी के आधार पर वार्डों की नई चौहद्दी तय की गई है। परिसीमन में ज्यादा आबादी वाले वार्डों के मतदाताओं का नाम नजदीक के कम आबादी वाले वार्डों में समायोजित कर दिया जाएगा। इसके बाद सभी वार्डों की आबादी 55 सौ से 6 हजार के बीच होगी।

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