150 कर्मियों को मिला हाईटेक्नीक टेस्ट का लाभ
नवप्रदेश संवाददाता
रायपुर। छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कम्पनीज के डंगनिया में स्थित औषधायल में आज रेटिनोपेथी टेस्ट केम्प का आयोजन किया गया है। इसमें करीब 150 मधुमेह (डायबिटिज) ग्रसित अधिकारियों-कर्मचारियों की नेत्र जॉच के दौरान ‘हाईटेक्नीक टेस्ट का लाभ मिला। रेटिनोपेथी विषय विशेषज्ञों की टीम में शामिल डॉ. आनंद सक्सेना, डॉ. नीरजा सक्सेना, डॉ. ज्योति एवं कोआर्डिनेटर तकदीर जैन सहित अरविंदो नेत्रालय के अन्य कर्मियों ने सूक्ष्मतापूर्वक जॉच की। शिविर में पहुंचे छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर होल्डिंग कंपनी के डायरेक्टर अजय दुबे ने पॉवर कम्पनीज के अधिकारियों/कर्मचारियों एवं उनके परिवारजनों हेतु आयोजित केम्प को बहुपयोगी बताया।
रेटिनोपेथी टेस्ट केम्प में ऑल इण्डिया ऑप्थेल्मोलाजिकल सोसायटी सहित पॉवर कम्पनी के अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. ऊषा पिल्लई, डॉ. केएस छाबड़ा, चिकित्सा अधिकारी डॉ. निलेश सिंह ने डायबिटिज के मरीजों को समुचित सलाह देते हुये कहा कि ‘अवर मिशन-यूअर विजन है। उन्होंने नेत्र की सुरक्षा हेतु बरती जाने वाली सावधानियों के प्रति भी शिविर में शामिलजनों को जागरूक किया। मधुमेह से पीढि़तजनों की नेत्रों पर इस रोग का व्यापक प्रभाव पड़ता है जिससे दृष्टि क्षमता में सतत् कमी होने के साथ ही अन्य तरह की नेत्र व्याधियों की संभावना बढ़ जाती है। अत: मुधमेहग्रस्त लोगों को समय समय पर ऑखों की जॉच कराने की नितान्त आवष्यकता होती है।
शिविर में बताया गया कि डायबिटिजग्रस्त लोगों को ग्लुकोमा (काला मोतिया) होने की संभावना भी अधिक होती है। यह ऑखों की बीमारियों का समूह है, जो ऑख की नसों को खराब कर देता है। प्रारंभ में इसके कोई लक्षण नहीं दिखते अत: अधिकतर लोग अनजाने में इसके शिकार हो जाते हैं। समय पर ईलाज न होने की दशा में ग्लुकोमा से ऑखों की रोशनी जा सकती है।