- जोन जीएम और डीआरएम भूल गए दुर्ग स्टेशन में युवक की मौत
- औचक निरीक्षण में चिकित्सा सुविधा का अवलोकन भूले
रायपुर/नवप्रदेश। रेलवे अफसरों (railway officers) को यात्रियों के लिए स्टेशनों पर मेडिकल सेफ्टी (medical safety) किस हाल में है इसकी कोई चिंता नहीं है। इसकी एक बानगी शुक्रवार को बिलासपुर जोन महाप्रबंधक और रेल मंडल रायपुर प्रबंधक के निरीक्षण (inspection) में दिखी।
जोन जीएम गौतम बनर्जी पूरे दलबल के साथ औचक निरीक्षण के लिए रायपुर रेलवे स्टेशन पहुंचे। स्टेशन में यात्री सुविधा, खाने-पीने की व्यवस्था देखे और नए सेल्फी प्वाइंट का भी अवलोकन किये।
लेकिन रेलवे के आला अफसरों (railway officers) ने स्टेशन पर मेडिकल सेफ्टी (medical safety) के बारे में पूछना भी मुनासिब नहीं समझा। बता दें कि रेल मंडल रायपुर में दिल्ली से रायगढ़ के लिए गोंडवाना एक्सप्रेस में सफर कर रहीं विधवा मां का एकमात्र सहारा और जवान बेटा निमित शर्मा बेमौत मारा गया।
आगरा में रेलवे डॉक्टर के एक्जामिन करने और दवा देने के बाद रेल यात्री निमित की हालत बिगड़ती गई और दुर्ग रेलवे स्टेशन में भी उसकी जान बचाने के लिए रेलवे ने कोई पुख्ता इंतजाम नहीं कर सका था।
प्रदेश का सबसे नंबर वन रायपुर रेलवे स्टेशन (raipur railway station) में एंबुलेंस, स्टे्रचर, मेडिकल फेसलिटी और दवाई दुकानों व्हील चेयर जैसी कई अहम सुविधाओं को नजर अंदाज कर जोन जीएम भी चले गए और डीआरएम कौशल किशोर भी उन्हें इस संबंध में बताने से बचते रहे।
तिरंगा और गांधी सेल्फी प्वाइंट को देखा
स्टेशन (raipur railway station) में उपलब्ध जनसुविधाओं के साथ स्टेशन में लगाए गए तिरंगे और महात्मा गांधी की थ्रीडी इमेज सेल्फी प्वाइंट का भी अवलोकन (inspection) किया। इस दौरान उन्होंने रायपुर रेल मंडल के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की।
महाप्रबंधक गौतम बनर्जी ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस से बिलासपुर से रायपुर पहुंचे। मंडल रेल प्रबंधक कौशल किशोर के साथ उन्होंने रायपुर स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर एक पर वेटिंग हाल का निरीक्षण किया, उसमें दी जा रही जन सुविधाओं- शौचालय, स्नानागार की साफ-सफाई की व्यवस्था का जायजा लिया। उन्होंने रायपुर स्टेशन पर इंटीग्रेटेड सिक्योरिटी सिस्टम को देखा, साथ ही यात्रियों के प्रवेश एवं निकास की व्यवस्था का जायजा लिया।