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Railway Drivers Strike : थमेंगे रेलवे के पहिए, ड्राइवरों की दो से 48 घंटे की भूख हड़ताल

Railway Drivers Strike

Railway Drivers Strike

भारतीय रेलवे के लोको पायलट और सहायक लोको पायलट आगामी दो दिसंबर की सुबह 10 बजे से 48 घंटे की भूख हड़ताल (Railway Drivers Strike) पर बैठेंगे। यह हड़ताल चार दिसंबर की सुबह तक चलेगी।

ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन (AILRSA) ने अपनी लंबित 10 सूत्री मांगों (AILRSA Demands) को लेकर यह राष्ट्रव्यापी आंदोलन शुरू करने का निर्णय लिया है। संगठन का कहना है कि कई वर्षों से बार-बार निवेदन करने के बावजूद रेलवे प्रशासन ने उनकी व्यावसायिक, आर्थिक और सुरक्षा संबंधी मांगों को अनदेखा किया है।

एसोसिएशन की प्रमुख मांगों में टीए में 25 प्रतिशत वृद्धि, किलोमीटर भत्ता का 70 प्रतिशत आयकर मुक्त करने, लोको पायलटों को 46 घंटे का आवधिक विश्राम, मेल-एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए छह घंटे की ड्यूटी, और मालगाड़ी ड्राइवरों के लिए आठ घंटे की ड्यूटी सीमा (Indian Railways News) निर्धारित करना शामिल है।

इसके साथ ही अधिकतम दो नाइट ड्यूटी, 36 घंटे के भीतर मुख्यालय वापसी, सहायक लोको पायलटों से अनिवार्य हैंड ब्रेक उपयोग तथा FSD प्रणाली को बंद करने जैसी मांगें भी सूची में शामिल हैं। महिला कर्मियों की विशिष्ट शिकायतों के त्वरित निराकरण की मांग को भी एसोसिएशन ने महत्वपूर्ण मुद्दा बताया है।

दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे जोन और रायपुर रेल मंडल के लोको पायलटों ने हड़ताल को सफल बनाने के लिए प्रचार-प्रसार शुरू कर दिया है। संगठन के पदाधिकारियों का कहना है कि रेलवे स्टाफ पर लंबे समय से भार बढ़ रहा है और कार्य-जीवन संतुलन (Loco Pilot Protest India) बिगड़ता जा रहा है**, जिससे रेल सुरक्षा भी प्रभावित होती है।

प्रबंधन की चुप्पी से नाराज लोको पायलटों ने स्पष्ट कर दिया है कि इस बार आंदोलन शांतिपूर्ण लेकिन सख्त होगा और जब तक मांगों पर ठोस निर्णय नहीं लिया जाता, विरोध जारी रहेगा।रेलवे प्रशासन ने संभावित हड़ताल को देखते हुए संचालन पर पड़ने वाले प्रभाव का आकलन शुरू कर दिया है, हालांकि अब तक इस मामले में कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

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