नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस के भीतर जारी नेतृत्व संकट के बीच पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी और अध्यक्ष सोनिया गांधी गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होंगे। यह फैसला अहम है क्योंकि चुनाव के दौरान बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं के बीच काफी तीखे हमले देखने को मिले थे। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद भी राष्ट्रपति भवन में आयोजित कार्यक्रम में पहुंचेंगे। कांग्रेस के इस फैसले से साफ है कि पार्टी पीएम के शपथ ग्रहण से दूरी बनाकर कोई गलत संदेश देना नहीं चाहती है।
गौरतलब है कि चुनावों में बीजेपी ने अकेले 303 सीटें जीतकर अपने दम पर बहुमत हासिल किया जबकि कांग्रेस पार्टी का प्रदर्शन काफी निराशाजनक रहा है। उसे मात्र 52 सीटें ही मिलीं। एक तरफ टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने समारोह में शामिल होने से मना कर दिया है तो वहीं कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेताओं का पहुंचना महत्वपूर्ण संकेत है।
पुदुचेरी के मुख्यमंत्री वी नारायणसामी भी इस समारोह में पहुंचेंगे। ऐसे में माना जा रहा है कि कांग्रेस शासित राज्यों जैसे- मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पंजाब के मुख्यमंत्री भी मोदी के शपथ ग्रहण में दिख सकते हैं। चुनाव के दौरान पीएम मोदी और राहुल गांधी ने एक दूसरे पर जमकर निशाना साधा था। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि गुरुवार को दोनों नेताओं के बीच मुलाकात की कैसी तस्वीर सामने आती है।
कांग्रेस में राहुल को मनाने की कोशिशें जारी
चुनाव नतीजे आने के बाद से ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी इस्तीफा देने पर अड़े हुए हैं पर उन्हें मनाने की कोशिशें जारी हैं। बुधवार को भी दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने उनसे मुलाकात कर इस्तीफा न देने की सलाह दी। दिल्ली कांग्रेस के सैकड़ों कार्यकर्ता राहुल गांधी के आवास के बाहर एकत्रित हुए और उनसे पार्टी के शीर्ष पद से हटने के प्रस्ताव को वापस लेने की अपील की।
तुगलक लेन में राहुल के आवास के बाहर जुटे लोगों ने ‘राहुलजी इस्तीफा वापस लो के नारे लगाए। यहां दिल्ली की तीन बार मुख्यमंत्री रही और दिल्ली कांग्रेस ईकाई अध्यक्ष शीला दीक्षित, दिल्ली के पूर्व मंत्री हारून युसूफ, पूर्व केंद्रीय मंत्री जगदीश टायटलर और बॉक्सर विजेंदर सिंह मौजूद थे।
पाक नहीं, इन देशों को न्योता
पीएम नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान को नजरअंदाज करते हुए क्चढ्ढरूस्ञ्जश्वष्ट के राष्ट्राध्यक्षों समेत 8 देशों के नेताओं को आमंत्रित किया गया है। बिम्सटेक में भारत समेत दक्षिण एशिया और दक्षिण पूर्व एशिया के वे 7 देश शामिल हैं, जो बंगाल की खाड़ी से जुड़े हुए हैं। इन देशों में भारत के अलावा बांग्लादेश, म्यांमार, श्री लंका, थाईलैंड, नेपाल और भूटान शामिल हैं। भारत ने किर्गिस्तान के राष्ट्रपति और मॉरीशस के प्रधानमंत्री को भी आमंत्रित किया है।