रायपुर/नवप्रदेश। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (rahul gandhi national tribal dance festival) ने कहा (address) कि जब आदिवासियों (tribal) से जुड़े कायक्रम की बात होती है मैं दो मिनट में तैयार हो जाता हूं।
राहुल गांधी (rahul gandhi national tribal dance festival) शुक्रवार को साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव (national tribal dance festival) के शुभारंभ समारोह को संबोधित (address) करते हुए बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि पिछले दिनों छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी इस कार्यक्रम का न्योता देने आए तो मैंने तुरंत हां कर दी। आदिवासियों (tribal) से जुड़े कार्यक्रम के लिए मैं दो मिनट में तैयार हो जाता हूं।
राहुल गांधी की बड़ी बातें
छत्तीसगढ़ सरकार सुन रही आदिवासियों की आवाज
राहुल गांधी ने आगे कहा कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य सिर्फ नृत्य व संगीत तक सीमित नहीं रहना चाहिए। बल्कि छत्तीसगढ़ को चलाने में आदिवासियों की बात सुनी जानी चाहिए। छत्तीसगढ़ सरकार ये काम कर रही है। वह छत्तीसगढ़ को चलाने में आदिवासियों की आवाज सुन रही है, फिर बात चाहे तेंदू पत्ते को अधिक दाम देने की हो या आदिवासियों की जमीन वापसी की। छत्तीसगढ़ सरकार आदिवासियों के साथ ही हर वर्ग को साथ लेकर चल रही है।
नाम लिए बगैर केंद्र पर तंज
लोकसभा सांसद राहुल गांधी ने किसी का नाम लिए बगैर केंद्र सरकार पर भी तंज कस दिया। उन्होंने कहा कि आज देश की अर्थव्यवस्था का जो हाल है उसे बताने की जरूर नहीं है। जीडीपी गिर रही है, बेराजगारी चरम पर है। जब तक हर जाति-धर्म, दलित, आदिवासियों को साथ में नहीं नहीं लिया जाएगा तब देश की अर्थव्यवस्था मजबूत नहीं हो सकती।
10-15 लोगों को पैसा दे देने से कुछ नहीं होता
राहुल गांधी ने अपने अंदाज में एक बार फिर कहा कि 10-15 लोगों को पैसा दे देने से देश तरक्की नहीं कर सकता। जब तक हर वर्ग की आवाज नहीं सुनी जाएगी तब देश आर्थिक मोर्चे पर आगे नहीं बढ़ सकता व देश की समस्याएं हल नहीं हो सकती।
भाई को भाई से लड़ाया जा रहा है
पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि आज देश में भाई को भाई से लड़ाया जा रहा है। इससे देश का भला नहीं होने वाला। दूसरी ओर ऐसे महात्सव (राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य महोत्सव) आदिवासियों को अपनी बात रखने, अपनी विरासत को प्रदर्शित करने का मौका दे रहे हैं।देश के विभिन्न राज्यों के साथ ही विदेश से आए कलाकारों की प्रस्तुति से यहां अनेकता में एकता के दर्शन होने जा रहे हैं।