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संपादकीय: सवाल महिलाओं को सुरक्षित वातावरण देने का

Question about providing safe environment to women

Question about providing safe environment to women

Question about providing safe environment to women: हमारे देश में महिलाओं के प्रति हिंसा थमने का नाम ही नहीं ले रही है। महिलाएं घर और बाहर दोनों जगह खुद को असुरक्षित महसूस करती हैं। ऐसे में महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित वातावरण उपलब्ध कराने का सवाल बार बार उठता रहा है।

इसी लेकर वुमन लायरस ऐसोसिएशन की आरे से सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई जिसमें सुप्रीम कोर्ट से यह मांग की गई है कि महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय स्तर पर दिशा निर्देश जारी किये जाएं। याचिका में कहा गया है कि छोटे शहरों में महिलाओं के खिलाफ यौन उत्पीडऩ की घटनाएं बढ़ रही है। और उनकी रिपोर्ट भी दर्ज नहीं की जाती।

कोलकाता स्थित आरजीकर मेडिकल कॉलेज अस्तपाल में एक महिला चिकित्सक के साथ दुष्कर्म कर उसकी जघन्य हत्या किये जाने की घटना के बाद भी यौन हिंसा की सौ से ज्यादा घटनाएं हो चुकी है। लेकिन उन्हें उजागर नहीं किया गया है। इसलिए सुप्रीम कोर्ट महिलाओं की सुरक्षा के लिए केन्द्र सरकार को कड़े निर्देश दे।

इस याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों को नोटिस जारी किया है और अगली सुनवाई जनवरी में तय की है। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश सूर्यकांत ने कहा है कि सार्वजनिक परिवहन में महिलाओं सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए प्रभावी पहल करने के साथ ही जागरूकता फैलाने की भी आवश्यकता है क्यांकि बसों और ट्रेनों में ही नहीं बल्कि ऐयर लाइन में भी महिलाओं के साथ अनुचित घटनाएं सामने आई है।

इसके लिए भी कड़े कदम उठानी की जरूरत है। सुप्रीम कोर्ट के इस निर्देश के बाद अब उम्मीद की जानी चाहिए कि केन्द्र सरकार और राज्य सरकारें महिलाओं और बच्चों को सुरक्षित वातावरण सुलभ कराने के लिए कारगर कदम उठाएंगी।

जहां तक महिलाओं के प्रति अपराधों का सवाल है तो इसके लिए पहले ही कड़े कानूनी प्रावधान हैं जरूरत इस बात की है कि उसे सख्तीपूर्वक लागू किया जाये।

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