Puncture Man Become IAS : पंक्चर बनाने व साइकिल सुधारने का काम करते थे
नई दिल्ली। Puncture Man Become IAS : लक्ष्य को हासिल करने का जुनून हो और निरंतर मेहनत की जाए तो वह कितना भी कठिन क्यों न हो उसे हासिल करना सरल हो जाता है। आईएएस वरुण बरनवाल की सफलता की कहानी भी कुछ ऐसी ही है।
वरुण बरनवाल बचपन में पंक्चर बनाने व साइकिल सुधारने का काम करते थे। लेकिन आज आईएस अधिकारी हैं। उन्होंने 2013 की यूपीएससी की परीक्षा में 32वां स्थान हासिल किया। गरीबी से लड़कर आईएएस तक का वरुण का सफर सभी को प्रेरणा देने वाला है।
Puncture Man Become IAS : 10वीं में थे तब उनके पिता का निधन
वरुण की कहानी कुछ ऐसी है कि जब वे 10वीं में थे तब उनके पिता का निधन हो गया था। उन्होंने आगे पढऩे की आस भी छोड़ दी थी। वे आजीविका के लिए एक पंक्चर की दुकान मेंं काम करने लगे।
वरुण ने बताया- इसके कुछ माह बाद उनका 10वीं का रिजल्ट आया, जिसमें वे स्कूल में प्रथम आए। इसके बाद परिवारवालों ने कहा कि मुझे आगे पढ़ाई जारी रखनी चाहिए। मां ने कहा कि वह कमाएंगी मैं अपनी पढ़ाई जारी रखूं। जीवन में इसके बाद के दो वर्ष काफी चुनौतीपूर्ण थी। वे सुबह 6 बजे उठकर स्कूल जाते थे। इसके बाद वे घर चलाने के लिए दुकान में काम करते थे और ट्यूशन पढ़ाते थे। उन्होंने मीडिया को बताया- मैं यदि अच्छी पढ़ाई करूं तो प्रिंसिपल मेरी फीस माफ करेंगे ऐसा मुझे लगता था। इसलिए मैं खूब पढ़ाई करता था। और फीस माफ भी होती गई।
दोस्तोंं ने की मदत
12वीं के बाद वरुण ने इंजीनियरिंग की प्रवेश परीक्षा पास की। प्रवेश के वक्त घर वालों केे अतिरिक्त उनके दोस्तों व उनके पालकों ने भी उनकी फीस के लिए पैसे जमा किए। इंजीनियरिंग में रहते ही उन्होंने यूपीएससी की तैयारी शुरू कर दी थी। इंजीनियरिंग के बाद वरुण को अच्छी कंपनी में नौकरी भी मिली। लेकिन उन्हें यूपीएससी की परीक्षा देने की इच्छा थी। तब उनके भाई ने उनकी मदद की। आखिरकार वरुण के संघर्ष का सकारात्मक नतीजा सामने आया। यूपीएससी की परीक्षा में उनका 32वां स्थान रहा। जब उन्होंने अपने भाई को इसकी जानकारी दी तो उनकी आंखों में आनंद के अश्रुओं की धार बहने लगी।