बिलासपुर/नवप्रदेश। Priyanka Murder Case : बिलासपुर प्रियंका हत्याकांड से शहर में दहशत फैल गई है। हत्या के बाद आरोपी ने शव को 3 दिन तक अपने दुकान में रखा उसके बाद अपने कार से घर ले गया। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर अरेस्ट कर लिया है। लेकिन अब इस मामले में नए-नए खुलासे सामने आ रहे हैं।
प्रियंका भिलाई से पीएससी की कोचिंग करने के लिए बिलासपुर गई थी। प्रियंका पैसे कमाने के अलग-अलग रास्ते खोजती रहती थी। प्रियंका की मौत का कारण पैसा ही है। शेयर बाजार के 15 लाख रुपए के विवाद में आरोपी ने उसे मौत के घाट उतार दिए।
छत्तीसगढ़ के भिलाई के सेक्टर 7 में रहने वाली प्रियंका सिंह (Priyanka Murder Case) बिलासपुर के एक इंस्टीट्यूट में पीएससी की तैयारी कर रही थी। इस बीच उसकी दोस्ती दयालबंद में सिटी फार्मेसी नाम से दवा दुकान चलाने वाले आशीष साहू से हुई। आशीष शुरू से ही शेयर बाजार में पैसे लगाकर मुनाफा कमा रहा था। वहीं, प्रियंका शुरू से ही पैसे कमाने की कोशिश में रहती थी। जिस कारण से उसने आशीष के साथ मिलकर शेयर बाजार में पैसे लगाना शुरू किया। उसने करीब 15 लाख रुपए शेयर बाजार में लगा दिए थे।
मुंह में रुई रख गला दबाकर मार डाला
कहा जा रहा है कि दोनों के प्रेम प्रसंग की भी चल रही थी। हालांकि आशीष की शादी 2020 में हो चुकी थी। प्रियंका ने अपने बचे हुए 11 लाख की मांग करने के लिए 15 नवंबर की दोपहर आशीष के दुकान में पहुंची थी। पैसे नहीं मिलने पर वह दुकान के बाहर जोर जोर से चिल्लाने लगी। जिसके बाद आशीष ने उसे दुकान के अंदर बुलाया और कहा बैठकर बातें करते हैं और दुकान का शटर बंद कर दिया।
आवाज दुकान के बाहर जाएगी तो लोग इकट्ठा हो जाएंगे इस डर से आरोपी आशीष ने पास में ही रखी रुई को उठाकर उसके मुह में दबा दिया। पैसे ना देने पड़े ऐसा सोच कर उसमें प्रियंका का गला दबाकर हत्या कर दी। 3 दिन तक वह उसकी लाश को दुकान में ही छुपा कर रखा था लेकिन फंसने के डर से उसे शनिवार तड़के सुबह खुद की कार में डालकर ठिकाने लगाने जा रहा था।
शेयर बाजार में गिरावट से आई दरार
अचानक शेयर बाजार की गिरावट दोनों की दोस्ती में तकरार लाना शुरू कर दी। इसके बाद प्रियंका ने खुद के प्रॉफिट के साथ अपने 15 लाख रुपए वापस मांगे। जिसमें से लगभग 4 लाख रुपए आशीष ने प्रियंका को वापस किए लेकिन 11 लाख रुपए की लेनदारी बची होने के कारण प्रियंका रोज आशीष के दुकान जाकर उससे पैसे मांगती थी।
भिलाई सेक्टर 7 में रहने वाली प्रियंका सिंह जिसके पिता बैंक में मैनेजर हैं और दादा बीएसपी में काम करते थे। प्रियंका को स्कूल के समय से ही पैसे कमाने की ललक थी। हालांकि परिवार पैसों से सक्षम था बावजूद उसके प्रियंका अपना खर्च खुद वहन करती थी। बच्चों को ट्यूशन पढ़ाना और शुरुआत से ही पैसों को जोड़ कर रखना इतना ही नहीं बिलासपुर में वह खुद के खर्चे से पीएससी की तैयारी कर रही थी।
पुलिस ने खंगाला CCTV फुटेज
प्रियंका की गुमशुदगी की शिकायत उसके भाई ने बिलासपुर के कोतवाली थाने में इसकी शिकायत कराई उसके बाद पुलिस ने तत्काल छानबीन शुरू कर दी है। प्रियंका के दोस्तों से पूछताछ की गई जिसमें दोस्तों ने आशीष के साथ ज्यादा घनिष्ठता होने की बात कही। यह भी बताया गया कि कोचिंग जाने से पहले प्रियंका रोजाना आशीष के दुकान के पास स्कूटी खड़ी करती थी फिर वहां से कोचिंग के लिए जाती थी।
वहीं, पुलिस को तब शक (Priyanka Murder Case) हुआ जब 4 दिनों से आशीष की दुकान बंद थी। पुलिस ने आशीष की दुकान के आसपास का सीसीटीवी फुटेज खोजा जिसमें आशीष प्रियंका की लाश को अपनी कार में छुपा कर ले जाता हुआ दिखा। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी को अरेस्ट किया।