Site icon Navpradesh

Private Hospital Negligence : लापरवाही की शल्यचिकित्सा…ऑपरेशन के बाद बिगड़ी हालत…मितानिन की मौत ने उठाए निजी अस्पतालों पर गंभीर सवाल…

Private Hospital Negligence

Private Hospital Negligence

लाखों खर्च करने के बाद भी नहीं बच सकी महिला की जान, निजी अस्पतालों की कार्यप्रणाली पर उठा भरोसे का संकट। स्वजन ने चिकित्सकीय लापरवाही को बताया मौत का कारण, मांगी न्याय और आर्थिक सहायता।

Private Hospital Negligence : एक साधारण से ऑपरेशन के बाद जो होना नहीं चाहिए था, वही हुआ। एक मितानिन की जिंदगी पहले गंभीर संक्रमण से जूझी, फिर खत्म हो गई। इलाज के नाम पर निजी अस्पतालों में लाखों रुपये खर्च कराने के बावजूद भी महिला की जान नहीं बचाई जा सकी। अब स्वजन न्याय की उम्मीद में भटक रहे हैं और निजी अस्पतालों की कार्यशैली पर गहरे सवाल खड़े हो गए हैं।

लखनपुर विकासखंड के जजगा गांव निवासी मितानिन मधु गुप्ता को बच्चेदानी में गांठ की शिकायत के बाद अंबिकापुर के आशीर्वाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। ऑपरेशन के बाद अचानक उनकी तबीयत बिगड़ने लगी, लेकिन अस्पताल प्रबंधन ने समय पर न तो विशेषज्ञ मदद ली और न ही संक्रमण के खतरे को गंभीरता से लिया।

महिला की हालत बिगड़ने पर उसे आनन-फानन में दूसरे निजी अस्पताल केयर अस्पताल(Private Hospital Negligence) में रैफर कर दिया गया। वहां भी हालत में सुधार नहीं हुआ। अंततः उन्हें रायपुर ले जाया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। रायपुर में इलाज के दौरान मधु गुप्ता की मौत हो गई।

स्वजन बोले: ऑपरेशन में लापरवाही और पैसे की वसूली ही प्राथमिकता रही

मधु के पति बालचंद गुप्ता ने आरोप लगाया कि ऑपरेशन करने वाली डॉक्टर बाहरी थीं और अस्पताल में मूलभूत सुविधाएं भी नहीं थीं। हालत बिगड़ने पर भी अस्पताल ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया और बिना चर्चा के दूसरे अस्पताल में रेफर कर दिया गया। दोनों अस्पतालों ने इलाज के नाम पर बड़ी रकम वसूल की, लेकिन महिला को राहत नहीं दी गई।

निगरानी नहीं, मनमानी ही सिस्टम बन गया है!

स्थानीय लोगों और स्वजन का कहना है कि अंबिकापुर के कई निजी अस्पताल रिहायशी इलाकों में बिना पर्याप्त संसाधनों के चल रहे (Private Hospital Negligence)हैं। नर्सिंग होम एक्ट लागू होने के बावजूद न तो निगरानी है और न ही जवाबदेही। ऐसे में लोगों की जिंदगी के साथ हो रहे इस खिलवाड़ पर प्रशासन को जवाब देना ही होगा।

वर्जन – अस्पतालों की ओर से

आशीर्वाद अस्पताल- ऑपरेशन के अगले दिन महिला का बीपी असामान्य हुआ, इसलिए ICU की जरूरत को देखते हुए दूसरे अस्पताल रेफर किया गया।

– आदित्य सिंह, संचालक

केयर अस्पताल- महिला मेडिकल सपोर्ट के साथ आई थीं। BP बेहद लो था, इसलिए स्वजन को रायपुर ले जाने का विकल्प दिया गया।

– सुशील राय, संचालक

परिवार की मांग

स्वजन ने पुलिस और प्रशासन से एफआईआर दर्ज कर जांच की मांग की है। मृतका मधु गुप्ता अकेली कमाने वाली थीं और पूरा परिवार उन्हीं पर निर्भर था। अब स्वजन को न केवल न्याय की, बल्कि आर्थिक सहायता की भी सख्त ज़रूरत है।

Exit mobile version