-सपा के अकेले लडऩे की संभावना है
नई दिल्ली। Uttar Pradesh by-elections: महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के साथ ही 13 राज्यों में उपचुनाव हो रहे हैं। उत्तर प्रदेश में 10 सीटों पर उपचुनाव होने हैं। उत्तर प्रदेश में 13 नवंबर को मतदान होगा। प्रदेश में सपा और कांग्रेस मिलकर चुनाव लड़ेंगी। हालांकि सीट बंटवारे को लेकर कांग्रेस और सपा की दोस्ती टूटने की आशंका है।
महाराष्ट्र में सीट बंटवारे को लेकर जहां उद्धव ठाकरे महा विकास अघाड़ी और कांग्रेस में बात नहीं बन पा रही है। वहीं अब उत्तर प्रदेश में भी यही दांव चल रहा है। कांग्रेस और अखिलेश यादव की पार्टी सपा के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। सपा ने अलीगढ़ की दो सीटें खैर और गाजियाबाद कांग्रेस के लिए छोड़ दी हैं। लेकिन कांग्रेस पांच सीटें चाहती है। कांग्रेस को उम्मीद थी कि अगर उसने पांच सीटें मांगीं तो उसे कम से कम तीन सीटें मिलेंगी। लेकिन ऐसा नहीं हुआ तो कांग्रेस गठबंधन तोडऩे के बारे में सोच रही है। अगर ऐसा हुआ तो यह मुकाबला बीजेपी बनाम सपा बनाम कांग्रेस होगा।
सीट बंटवारे पर चर्चा के दौरान कांग्रेस (Uttar Pradesh by-elections) को उतनी सीटें नहीं मिल पाईं जितनी वह चाहती थी। सपा ने पुष्टि की है कि वह सिर्फ दो सीटें देगी। इस दो-पांच के आंकड़े में उत्तर प्रदेश में बढ़त बिगडऩे की आशंका है। राजनीतिक गलियारे में यह भी चर्चा है कि कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में सपा के खिलाफ नाराजगी दिखाने के लिए एक भी उम्मीदवार नहीं उतारना चाहिए।
सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगी। जबकि मऊ और घोसी सीटों पर सपा को समर्थन देगी। हालांकि इस संबंध में कांग्रेस की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन कहा जा रहा है कि इसके जरिए कांग्रेस तीसरी सीट फूलपुर को अपने पाले में लाने का दबाव बना रही है। इस सीट पर सपा पहले ही अपना उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। अगर यह तीसरी सीट जीती जाती है तो ही कांग्रेस पहली दो सीटों पर उम्मीदवार उतार सकती है।