नयी दिल्ली । उच्चतम न्यायालय ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में गिरफ्तार पत्रकार प्रशांत कनौजिया को बड़ी राहत प्रदान करते हुए उन्हें जमानत पर तत्काल रिहा करने का मंगलवार को आदेश दिया। न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की अवकाशकालीन पीठ ने प्रशांत की पत्नी जगीशा अरोड़ा की बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका की सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्रवाई और निचली अदालत द्वारा 22 जून तक न्यायिक हिरासत में भेजने के फैसले की आलोचना की। न्यायालय ने स्पष्ट किया कि ट्विटर पर प्रशांत के पोस्ट को उचित नहीं ठहराया जा सकता, लेकिन इसकी वजह से पुलिस की कार्रवाई भी उचित नहीं कही जा सकती।