यशवंत धोटे
Navpradesh Chhattisgarh: ”अमीर धरती के गरीब लोग” के नारे से अस्तित्व में आया नवप्रदेश छत्तीसगढ़ अपनी स्थापना के रजत जयंती वर्ष में पदार्पण कर गया है। बीते चौबीस वर्षों में चार नारे और चौथे सीएम के साथ रजत जयंती वर्ष में पदार्पण करने वाला यह राज्य शेष नये दो राज्यों झारखंड और उत्तराखंड से ज्यादा तरक्की करने वाले राज्य में शामिल है। इस नवगठित नवप्रदेश छत्तीसगढ़ के पहले मनोनीत मुख्यमंत्री अजीत जोगी का नारा था ”अमीर धरती के गरीब लोग”। लेकिन तीन साल में राज्य ने नई करवट ली और दूसरे मुख्यमंत्री बने डॉ. रमन सिंह। ”सबका साथ सबका विकास” के नारे के साथ डेढ़ दशक इस नवप्रदेश छत्तीसगढ़ पर राज करने वाले डॉ. रमन सिंह का यह नारा फिर बाद में केन्द्र की सरकार का भी बैंच मार्क बन गया।
2018 में बंपर जनादेश के साथ कांग्रेस की सरकार के पहले निवार्चित और नवप्रदेश छत्तीसगढ़ राज्य के तीसरे मुख्यमंत्री बने भूपेश बघेल ने ”गढ़बो नवा छत्तीसगढ़ ” का नारा दिया। पांच साल सरकार चली और 2023 में चुनाव से पहले ही भाजपा ने ”हमने ही बनाया हम ही संवारेंगे” के नारे के साथ सरकार बनाई, और चौथे मुख्यमंत्री के रुप में विष्णुदेव साय ने शपथ ली और इसी नारे के साथ नवप्रदेश छत्तीसगढ़ उनके नेतृत्व में विकास की नई इबारत लिख रहा है।
वैसे तो राज्य ने अनेक स्वर्णिम उपलब्धियां हासिल की है। जो इसी के साथ अस्तित्व में आए नवप्रदेश झारखंड और नवप्रदेश उत्तराखंड से विकास के मामले में मीलो आगे है। अभी भी नवप्रदेश छत्तीसगढ़ प्रगति (Navpradesh Chhattisgarh) के पथ पर तेजी से अग्रसर है। राज्य ने अपने बाल्यकाल में ही तीव्र गति से विकास कर इस कहावत को अक्षरश: चरितार्थ कर दिखाया था कि – पूत के पांव पालने में ही दिख जाते है। अपनी किशोरावस्था में तो नवप्रदेश छत्तीसगढ़ ने हर कदम पर प्रगति के नए प्रतिमान गढ़कर एक नया कीर्तिमान रच दिया । अब तो राज्य युवा अवस्था में पहुंच गया है इसलिए वह प्रगति पथ पर सरपट दौड़कर बहुत ही जल्द भारत के सबसे विकसित राज्यों की सूची में अपना नाम दर्ज कराने में निश्चित रूप से सफल होगा।
नवप्रदेश छत्तीसगढ़ ने आज जो मुकाम हासिल किया है उसमें सबसे बड़ा योगदान भूतपूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की अगुवाई वाली सरकार का रहा है। अपने डेढ़ दशक के कार्यकाल में डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने नवप्रदेश छत्तीसगढ़ को विकासगढ़ के रूप में देश व दुनिया में नई पहचान दिलाने के लिए भागीरथ प्रयास किए उसी का यह सुपरिणाम है कि आज नवप्रदेश छत्तीसगढ़ धान के कटोरे से धन के कटोरे के रूप में तब्दील होता जा रहा है। यहां के लोगों का जीवन स्तर सुधरता जा रहा है। हालांकि बंपर जनादेश वाली सरकार के तीसरे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किसानों का धान 25 सौ रुपए खरीदने की शुरुआत की और अगली सरकार इससे ज्यादा 31 सौ रुपए प्रति क्विंटल खरीद रही है।
इस शुरुआत का असर यह रहा कि यहां प्रति व्यक्ति आय राष्ट्रीय औसत के बराबर हो गई। जो एक बड़ी उपलब्धि है। सबका साथ सबका विकास का नारा नवप्रदेश छत्तीसगढ़ में ही तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की सरकार ने गढ़ा और धरातल पर उतारा। बाद में भाजपा ने इस नारे को राष्ट्रीय स्तर पर अपनाया। सबका साथ सबका विकास के नारे में उसने सबका विश्वास और सबका प्रयास जोड़ा। बहरहाल नवप्रदेश छत्तीसगढ़ अब सही मायनों में विकासगढ़ बन गया है। अब पहली बार आदिवासी बहुल नवप्रदेश छत्तीसगढ़ की कमान ठेठ छत्तीसगढिय़ा और आदिवासी नेता विष्णुदेव साय के हाथों में आई है। जिनकी अगुवाई में अल्प समय में ही नवप्रदेश छत्तीसगढ़ ने विकास की नई ऊंचाइयों को छू लिया है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय का यह कहना सही है कि नवप्रदेश छत्तीसगढ़ अब सपनों से संभावनाओं का गढ़ बनता जा रहा है। वाकई नवप्रदेश छत्तीसगढ़ के तीन करोड़ छत्तीसगढिय़ों के सपनों को अब नए पंख लग गए है क्योंकि उनके लिए संभावनाओं का नया आसमान खुल गया है। नवप्रदेश छत्तीसगढ़ को नए स्वरूप में गढऩे में हर छत्तीसगढिय़ा ने अपने-अपने स्तर पर योगदान दिया है।
हमें इस बात का संतोष है कि दैनिक नवप्रदेश समाचार पत्र समूह ने भी इस मामले में अपने अखबारी दायित्व का पूरी ईमानदारी से निर्वहन किया है और पिछले 13 वर्षो से नवप्रदेश छत्तीसगढ़ के चहुमुखी विकास में एक सजग प्रहरी की भूमिका निभा रहा है। नवप्रदेश छत्तीसगढ़ प्रगति के नित-नए प्रतिमान गढ़े और विकसित भारत के चिर प्रतीक्षित स्वप्न को साकार करने वाला देश का पहला राज्य बने। इसी मंगल कामना के साथ सभी तीन करोड़ छत्तीसगढ़ के बाशिदों को नवप्रदेश छत्तीसगढ़ के रजत जयंती वर्ष में प्रवेश की गाढ़ा गाढ़ा बधाई। जय जोहार।