बिजली उत्पादन कंपनी के एमडी बिजोरा ने कहा- अभी 68 % राख का हो रहा यूटिलाइजेशन
कोरबा/नवप्रदेश। पॉवर प्लांटों (power plants) से निकलने वाली राख (fly ash utilisation) का यूटिलाइजेशन करने तरह-तरह की कोशिशों की बात प्रबंधन भले करता रहा हो, लेकिन सच यही है कि कि राख यूटिलाइजेशन में पॉवर प्लांट (power plants) बौने साबित हो रहे हैं।
हालांकि छत्तीसगढ़ राज्य बिजली उत्पादन कंपनी के एमडी एनके बिजोरा (cg state power generation company md nk bijora) का कहना है कि अभी राख (fly ash utilisation) का 68 प्रतिशत यूटिलाइजेशन हो रहा है। आगे जाकर 100 प्रतिशत करने का लक्ष्य है।
उन्होंने दर्री बरॉज के डूबान क्षेत्र में राख पाटने व नियमों का पालन नहीं करने के संबंध में कहा कि रविवार को वे स्वयं ही मौके का निरीक्षण करेंगे। ऐसी क्या परिस्थिति थी कि जिसकी वजह से राख डाला गया है।
ये है मामला
बता दें कि धनुहारपारा के इंटेक केनाल के पास गड्ढे में राख को भरा गया है। इसके लिए बिजली उत्पादन कंपनी ने टेंडर भी जारी किया था। बोल्डर से पिचिंग कराई जानी थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उल्लनहर के किनारे पिचिंग के लिए एचटीपीसी के सिविल विभाग द्वारा निविदा जारी की गई, जिसमें प्लांट द्वारा ही बोल्डर से पिचिंग कराई जानी थी। अब इसमें गड़बड़ी की बात सामने आ रही है। जहां राख भरी जा रही है उस भूखंड पर विद्युत उत्पादन कंपनी के साथ ही सिंचाई विभाग भी अपना दावा करता है।
केंद्रीय पुल से भी ली जा रही बिजली
बिजोरा का कहना है कि पॉवर प्लांटों में पर्याप्त कोयला है। प्रदेश में 4 हजार मेगावाट बिजली की डिमांड है। पॉवर प्लांटों से लगभग 3500 मेगावाट बिजली उत्पादन हो रहा है। केन्द्रीय पुल से बिजली ली जा रही है। अभी राख का 68 प्रतिशत यूटिलाइजेशन हो रहा है। आगे जाकर 100 प्रतिशत करने का लक्ष्य है।
एमडी बनने के बाद पहली बार कोरबा पहुंचे बिजोरा
एमडी (cg state power generation company md nk bijora) बनने के बाद बिजोरा शुक्रवार शाम पहली बार कोरबा पहुंचे। उन्होंने शनिवार को उत्पादन कंपनी के डीएसपीएम प्लांट व कोरबा पूर्व प्लांट का निरीक्षण किया। एमडी ने सीएसईबी गेस्ट हाउस में पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि प्रदूषण की समस्या कोरबा में काफी कम हुई है। इसकी तुलना में रायपुर व रायगढ़ आगे हो गए हैं। डीएसपीएम प्लांट प्रदेश में नंबर-वन प्लांट है। बिजली उत्पादन को और बेहतर बनाया जाएगा। उन्होंने अधिकारियों की बैठक लेकर बिजली उत्पादन के साथ ही कर्मचारियों की समस्याओं पर भी चर्चा की।