Poonam Pandey Ramleela Controversy : राजधानी में आयोजित होने वाली भव्य लवकुश रामलीला इस बार विवादों में आ गई। अभिनेत्री पूनम पांडे, जिन्हें मंदोदरी का किरदार निभाना था, अब इस भूमिका में नज़र नहीं आएंगी। लगातार उठ रहे विरोध को देखते हुए रामलीला समिति ने यह फैसला लिया और अभिनेत्री को पत्र लिखकर सूचित किया कि इस वर्ष उनकी जगह किसी अन्य कलाकार को चुना जाएगा।
समिति ने दिया स्पष्टीकरण
लवकुश रामलीला समिति के अध्यक्ष अर्जुन कुमार और महासचिव सुभाष गोयल ने कहा कि पूनम पांडे ने आमंत्रण स्वीकार कर मंदोदरी की भूमिका निभाने की सहमति दी थी। लेकिन नाम की घोषणा होते ही धार्मिक संगठनों और कई वर्गों की ओर से आपत्तियां सामने आईं। समिति का कहना है कि रामलीला (Poonam Pandey Ramleela Controversy) का उद्देश्य प्रभु श्रीराम का संदेश समाज तक पहुंचाना है और विवाद इसकी मूल भावना को प्रभावित कर रहा था। लिहाज़ा विचार-विमर्श के बाद सर्वसम्मति से यह निर्णय लिया गया।
पूनम पांडे का उत्साह और विरोध
निर्णय से ठीक एक दिन पहले पूनम पांडे ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर बताया था कि वे इस किरदार के लिए बेहद उत्साहित हैं और नवरात्र के दौरान नौ दिनों का व्रत भी रखेंगी। लेकिन विरोध का सिलसिला इतना तेज हुआ कि समिति को अपना रुख बदलना पड़ा।
विरोध के स्वर
पूनम पांडे के नाम पर विश्व हिंदू परिषद और अन्य संगठनों ने कड़ी आपत्ति जताई। वहीं, कंप्यूटर बाबा ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा कि उन्हें मंदोदरी नहीं बल्कि सूर्पनखा का रोल देना चाहिए था। उन्होंने समिति (Poonam Pandey Ramleela Controversy) से पात्र चयन को लेकर गंभीरता बरतने की अपील भी की।
अब समिति ने साफ कर दिया है कि इस बार मंदोदरी की भूमिका किसी और कलाकार द्वारा निभाई जाएगी। साथ ही, पत्र में पूनम पांडे के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए लिखा गया है कि वे इस निर्णय को समझें और क्षमा करें।