रायपुर/नवप्रदेश, जगदीश पटेल। छत्तीसगढ़ की राजनीति में नया खेला हो गया है। प्रदेश की तीसरी बड़ी पार्टी जनता कांग्रेस छग जे की नींव 2018 विधानसभा चुनाव के पहले रखी गई थी। अब अगले साल 2023 में विधानसभा चुनाव होना है, लेकिन उसके पहले ही पार्टी की कहानी लगभग खत्म होने जा रही है।
अजीत जोगी के निधन के बाद पार्टी पूरी तरह से बिखर गई और एक के बाद एक कई बड़े नेता व कार्यकर्ता कांग्रेस व भाजपा में चले गए। इसके बाद एक साल पहले पार्टी के कांग्रेस में विलय होने की चर्चा थी। हालांकि ऐसा नहीं हो पाया।
अब पार्टी के सबसे सीनियर व विधायक दल के नेता धर्मजीत सिंह को पार्टी से निष्कासित करने और दूसरे विधायक प्रमोद शर्मा के खुले तौर पर बगावत करने के बाद पार्टी जहां से खड़ी हुई थी, वहीं पहुंच गई है। बता दें कि जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जेसीसी जे) प्रदेश की तीसरी बड़ी राजनीतिक ताकत थी।
90 सदस्यों वाली विधानसभा में इस पार्टी ने बसपा गठबंधन के साथ 2018 का विधानसभा चुनाव लड़ा। पहली बार चुनाव लड़ी इस पार्टी को 12 प्रतिशत वोट मिले जिससे पार्टी 7 सीटें जीतने में कामयाब रही। इसमें से 5 सीटें जकांछ की थीं। जबकि 2 बसपा के थे। वर्तमान में अब पार्टी के पास लगभग केवल एक सीट डॉ. रेणु जोगी की ही बची है।
मई 2020 में अजीत जोगी के निधन से एक सीट खाली हो गई। इसके बाद खैरागढ़ विधायक देवव्रत सिंह का नवंबर 2021 में निधन हो गया। अब दोनों सीट कांग्रेस की झोली में है। इसके बाद डॉ. रेणु जोगी, धर्मजीत सिंह और प्रमोद शर्मा ही बचे थे, लेकिन बीती रात धर्मजीत सिंह को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया।
पार्टी की इस कार्रवाई के बाद दूसरे विधायक प्रमोद शर्मा ने खुले तौर पर ऐलान कर दिया है कि वे धर्मजीत सिंह के साथ हैं। प्रमोद शर्मा कानूनी दांव पेंच की वजह से इस्तीफा नहीं देंगे, लेकिन माना जा रहा है कि पार्टी जल्द उन्हें भी बाहर का रास्ता दिखएगी। ऐसे में अब केवल डॉ रेणु जोगी एक मात्र विधायक और सदन में नेता रहेंगी। साथ ही पार्टी की अध्यक्ष भी रहेंगी।
2016 में जोगी ने बनाई थी पार्टी : साल 2014 में हुए अंतागढ़ उपचुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार मंतूराम पवार को नाम वापसी से जुड़े विवाद में एक ऑडियो टेप में अजीत जोगी और उनके बेटे अमित जोगी का नाम आने के बाद कांग्रेस ने अमित को पार्टी से निकाल दिया था।
अजीत जोगी को भी संगठन ने किनारे कर दिया। इसके बाद 6 जून 2016 को अजीत जोगी ने बिलासपुर के कोटमी में आयोजित एक जनसभा में नई पार्टी के गठन की घोषणा की। बाद में इसका नाम जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ रखा गया।
विधायक धर्मजीत-प्रमोद बोले -जेसीसी खत्म : रायपुर प्रेस क्लब में लोरमी विधायक धर्मजीत सिंह और बलौदा बाजार विधायक प्रमोद शर्मा एक साथ आए। धर्मजीत सिंह ने कहा, अजीत जोगी की पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ अब खत्म हो गई है। दोनों ने इसके लिए पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी को जिम्मेदार ठहराया।
धर्मजीत सिंह ने आरोप लगाया,अमित जोगी ने अगस्त में उनकी पत्नी को फ ोन कर गाली-गलौज किया था। उनका निष्कासन उसी बात को दबाने के लिए किया गया है।
उन्होंने कहा कि पहले क्या हुआ यह मैं नहीं जानता लेकिन अब मुझ पर कातिलाना हमले होंगे। मेरी हत्या भी कराई जा सकती है। धर्मजीत सिंह ने कहा, अब कहीं न कहीं तो जाना पड़ेगा न। ऐसे चौराहे पर तो नहीं बैठा रहूंगा। जहां भी जाउंगा खुलेआम जाउंगा।
भीतर का एकनाथ शिंदे बोल रहा है : अमित
विधायक धर्मजीत सिंह के आरोपों पर जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने कहा मेरे संस्कार मुझे यह अनुमति नही देते कि मैं अपने वरिष्ठजनों विशेषकर वो जो मेरे पिता की राजनीतिक छाया में पले बढ़े, उनकी किसी भी बात पर उनके विरुद्ध कुछ कहूं।
माननीय अजीत जोगी ने छत्तीसगढ़ के अनुसूचित जाति-जनजाति, पिछड़े वर्गों तथा समाज के गरीब और दबे कुचले लोगों के उत्थान के लिये जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) का गठन किया था। लेकिन पार्टी के अस्तित्व को मिटाने और छत्तीसगढ़ की अस्मिता को कुचलने के लिए जो षड्यंत्र रचा गया,
उसको देखते हुए पार्टी के पास ठाकुर धर्मजीत सिंह जी पर कार्यवाही करने के अलावा कोई विकल्प नही बचा था। दुख केवल इस बात का है कि धर्मजीत चाचा को क्षेत्रीय स्वाभिमान छोड़कर, छत्तीसगढ़ का एकनाथ शिंदे बनना ज्यादा रास आया। मेरे विरुद्ध अनाप-शनाप बात आदरणीय ठाकुर धरमजीत सिंह जी नहीं बल्कि उनके अंदर का एकनाथ शिंदे बोल रहा है।
मुझे भी निकालना है निकाल दें : पार्टी के दूसरे विधायक प्रमोद शर्मा भी खुलकर धर्मजीत सिंह के समर्थन में आ गए हैं। उन्होंने कहा कि यह बिल्कुल गलत हुआ है। पार्टी मुझे भी निकालना चाहती है तो निकाल दे।
बलौदाबाजार से जेसीसी जे विधायक प्रमोद शर्मा ने कहा, मुझे तो न्यूज से पता चला कि हमारे विधायक दल के नेता धर्मजीत सिंह को छह साल के लिए पार्टी से निकाल दिया गया है। इस खबर से मैं बहुत दुखी हूं। बिना बैठक के, बिना किसी की सहमति के इस प्रकार का निर्णय लेना बहुत ही गलत है।
प्रमोद शर्मा ने कहा, मैं पूरी तरीके से धर्मजीत सिंह के साथ में हूं। अमित जोगी जी जो बाथरूम में बैठकर इस प्रकार का फैसला ले रहे हैं, वह नाजायज है। गलत है। मैं इसका विरोध करता हूं। अगर पार्टी मुझको भी निकालना चाहती है तो निकाल सकती है। वह स्वतंत्र है।
लोरमी के चार पदाधिकारियों को निकाला : जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ -जेसीसी जे के प्रदेश महामंत्री प्रशासन महेश देवांगन ने चार पदाधिकारियों को 6 साल तक के लिए निष्कासित करने का आदेश जारी किया है।
इसमें लोरमी के ब्लॉक अध्यक्ष राकेश छाबड़ा भी शामिल हैं। छाबड़ा वहां विधायक धर्मजीत सिंह के प्रतिनिधि भी हैं। लोरमी नगर पंचायत की अध्यक्ष अंकिता शुक्ला, उनके पति रवि शुक्ला और पार्षद सीमांत दास को भी पार्टी से निकाल दिया गया है।