2259 पदों पर अभिमत के बाद पीएचक्यू ने किया रद्द
भर्ती निरस्त होने पर नेता प्रतिपक्ष ने कहा- बेरोजगारों के साथ नाइंसाफी
रायपुर/नवप्रदेश । पुलिस मुख्यालय (police headquarter) ने भाजपा शासनकाल (bjp government) में हुई पुलिस भर्ती (police recruitment) को निरस्त (cancel) कर दिया है। 2259 पदों के लिए 2017 में भर्ती हुई थी। इसके रिजल्ट निकालने के लिए अभ्यार्थियों द्वारा लंबे समय से आंदोलन किया जा रहा था। लेकिन, पीएचक्यू ने भर्ती निरस्त कर उन्हें झटका दे दिया है।
जारी आदेश में बताया गया कि 29 दिसंबर 17 को विभाग की ओर से जिला पुलिस बल (district police force) में 2259 आरक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया गया था। इन पदों पर भर्ती (recruitment) के लिए छत्तीसगढ़ पुलिस कार्यपालिक बल आरक्षक (भर्ती तथा सेवा की शर्ते) नियम 2007 में संशोधन संबंधी 21 फरवरी 18 के तहत भर्ती (recruitment) प्रक्रिया हुई।
विधि विभाग ने 29 जुलाई 19 को अभिमत दिया है कि इस भर्ती नियम के आधार पर आरक्षकों की नियुक्ति को वैध नहीं होगी, जिसको ध्यान में रखते हुए आरक्षकों की इस भर्ती प्रक्रिया को निरस्त किया जाता है।
ज्ञात हो कि छत्तीसगढ़ पुलिस विभाग द्वारा 2017-18 में आरक्षक भर्ती (constable recruitment) परीक्षा आयोजित की गयी थी, जिसका रिजल्ट जारी नहीं किया गया था। इसी मांग को लेकर प्रदेश भर से आये आवेदकों ने राजधानी के इदगाह भाटा मैदान में धरना दिया था। साथ ही मामले को लेकर आवेदकों ने हाईकोर्ट में याचिका भी लगाई थी, लेकिन कई दिन बीत जाने के बाद भी विभाग द्वारा रिजल्ट जारी नहीं किया गया तब इसी मांग को लेकर सैकड़ों की संख्या में आवेदकों ने राजधानी में प्रदर्शन किया था।
बेरोजगारी से नाइंसाफी, निराशाजनक : कौशिक
भारतीय जनता पार्टी नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने आरक्षक भर्ती (constable recruitment) की पूर्ण हो चुकी प्रक्रिया को निरस्त करने पर कहा कि भूपेश सरकार का यह कदम बेरोजगारों के साथ नाइंसाफी है। सरकार में आने से पहले युवाओं को अपने पक्ष में करने के लिए उन्हें रोजगार देने, बेरोजगारी भत्ता देने व नियमीतिकरण का सपना दिखाने वाले कांग्रेसी सरकार में आने के बाद अपने असली चेहरे के साथ लौट आये हैं। कांग्रेस पार्टी ने 70 साल के शासन के हर वर्ग, हर उम्र के लोगों का ठगा और उनकी वास्तविकता भी यही है।
एचएम ताम्रध्वज का फूटा गुस्सा, डीजीपी तलब
डीजीपी डीएम अवस्थी को जमकर फटकार लगाते हुए गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू ने अपनी नाराजगी जाहिर की है। गृहमंत्री की यह नाराजगी व गुस्सा पुलिस भर्ती परीक्षा (police recruitment process) को उनसे बिना पूछे रद्द किये जाने को लेकर बताया जा रहा है। जैसे ही यह बात गृहमंत्री को पता चली कि तत्कालीन रमन सरकार के कार्यकाल के दौरान निकाली गई 2259 पदों पर पुलिस आरक्षक की भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया है तो उन्होंने तत्काल डीजीपी को फोन लगाया। मंत्री साहू ने डीजीपी से यह पूछा कि क्या यह भर्ती (recruitment) परीक्षा रद्द की गई है?
क्या इसकी जानकारी आप लोगों ने मुझ तक पहुंचाई थी? उन्होंने डीजीपी से सवाल किया कि भर्ती रद्द कर दी गई है तो परीक्षार्थियों के लिए विकल्प क्या है? गृहमंत्री इस कदर नाराज थे कि डीजीपी से जवाब देते नहीं बन रहा था। मंत्री के गुस्से को भांपकर दौड़ते भागते हुए ही डीएम अवस्थी ताम्रध्वज साहू के बंगले आ पहुंचे। इसके बाद काफी देर तक बंद कमरे में मंत्री और डीजीपी के बीच चर्चा होती रही।