-ललित पकड़ा नहीं जाता तो वह चेन्नई से श्रीलंका भागने की तैयारी में था
पुणे। Drug smuggler: ड्रग तस्कर और फरार आरोपी ललित पाटिल को पकडऩे के 17 दिन बाद मुंबई की साकीनाका पुलिस आखिरकार बुधवार को उसे पकडऩे में कामयाब हो गई। ललित को पुलिस ने तब पकड़ा जब वह बेंगलुरु से चेन्नई जाने की तैयारी कर रहा था। इस बीच उन्हें बुधवार को अंधेरी कोर्ट में पेश किया गया और सोमवार (23 अक्टूबर) तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
उधर, ससून से ललित के भागने के बाद पुणे पुलिस की 10 टीमें उसकी तलाश में थीं। इसके साथ ही मुंबई और नासिक पुलिस भी उसकी तलाश कर रही थी। आखऱिकार मुंबई पुलिस ललित को पकडऩे में कामयाब रही।
30 सितंबर को क्राइम ब्रांच के एंटी-नारकोटिक्स स्क्वाड ने ससून हॉस्पिटल के गेट के सामने से भारी मात्रा में नशीला पदार्थ जब्त किया था। इस दौरान पुलिस ने 1 किलो 71 ग्राम 53 मिलीग्राम वजनी मेफेड्रोन (एमडी) जब्त किया। ससून अस्पताल के गेट के पास नशीले पदार्थों का इतना बड़ा जखीरा मिलने से शहर में हड़कंप मच गया।
इस मामले में पुलिस ने सुभाष जानकी मंडल (29, निवासी देहुर रोड, मुल गांव, झारखंड) और रउफ रहीम शेख (19, निवासी ताड़ीवाला रोड) दोनों को झारखंड से गिरफ्तार किया. पूछताछ के दौरान सुभाष ने बताया कि ये दवाएं यरवदा जेल के कैदी ललित अनिल पाटिल (34) की हैं, जो ससून अस्पताल के वार्ड नंबर 16 में इलाज के लिए भर्ती था। फिर 2 अक्टूबर को ललित पाटिल शाम करीब 7.30 से 8.00 बजे के बीच ससून से भाग निकला. तभी से तीन जिलों की पुलिस उसकी तलाश कर रही थी।
इससे पहले 20 किलो मेफेड्रोन जब्त किया गया था…
7 अक्टूबर, 2020 को चाकन इलाके के शेलपिम्पल गांव में 20 करोड़ रुपये मूल्य का 20 किलोग्राम मेफेड्रोन जब्त किया गया था। इसी मामले में मुख्य आरोपी ललित को यरवदा जेल भेजा गया था। इस कार्रवाई के दौरान कुल 22 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। लेकिन इस ऑपरेशन के तीसरे दिन ललित ने यह कहकर ससून का रास्ता पकड़ लिया कि वह सीढिय़ों से गिर गया है। इसके बाद से ललित ने काफी समय तक ससून में इलाज कराया था, जिसके बाद वह वहां से भाग गया था ।
बंद फैक्ट्रियों में दवाएं बनाई जा रही थीं
भारत में मुख्य रूप से मेफेड्रोन दवा विदेशों से आयात की जाती है। हालाँकि, ललित के पास इन दवाओं को बनाने के लिए विशेषज्ञों की एक टीम थी। पुलिस जांच में पता चला है कि उसका भाई भूषण एमडी का निर्माण करता है। ललित ने इससे पहले रंजनगांव की एक फैक्ट्री में 132 किलोग्राम मेफेड्रोन का निर्माण किया था, जिसमें से 112 किलोग्राम उसने बेच दिया था, जबकि 20 किलोग्राम पुलिस ने बरामद किया था। बाद में मुंबई पुलिस ने नासिक के शिंदे गांव में ललित और भूषण की फैक्ट्री पर छापा मारा और 300 किलो एमडी जब्त की।