-कोरोना महामारी के दौरान टीकाकरण के बाद प्रमाणपत्र जारी किया था
नई दिल्ली। Corona vaccination certificate: कोरोना टीकाकरण सर्टिफिकेट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर हटा दी गई है। कोरोना महामारी के दौरान टीका लगवाने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी किए गए प्रमाण पत्र में नीचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर थी। इस फोटो का कैप्शन था, ‘एक साथ मिलकर भारत कोविड-19 को हराएगा।’ अब इस सर्टिफिकेट पर कैप्शन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फोटो नजर नहीं आ रही है।
इसी बीच संदीप मनुधाने नाम के एक एक्स यूजर ने अपने कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट (Corona vaccination certificate) की फोटो शेयर की है। इसमें कहा गया है कि सर्टिफिकेट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर हटा दी गई है। यूजर ने कहा मोदी जी अब कोविड वैक्सीन सर्टिफिकेट पर नजर नहीं आ रहे हैं। इसे जांचने के लिए बस वैक्सीन सर्टिफिकेट डाउनलोड किया, उनकी फोटो गायब है। ऐसे में कोरोना सर्टिफिकेट से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर क्यों हटाई गई? ऐसा सवाल अब उठ रहा है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक अधिकारियों ने कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता लागू होने के कारण टीकाकरण प्रमाणपत्र (Corona vaccination certificate) से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर हटा दी गई है। साथ ही संदीप मनुधाने ने भी अपने ट्वीट में यही बात कही। इस बीच लोकसभा चुनाव के लिए दो चरणों में मतदान हो चुका है। फिलहाल आदर्श आचार संहिता लागू है। अगले चरण के चुनाव के बाद ही आचार संहिता खत्म होगी।
दो दिन पहले ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की कोरोना वैक्सीन को लेकर एक चौंकाने वाली खबर सामने आई है। इस वैक्सीन की निर्माता कंपनी एस्ट्राजेनेका (Corona vaccination certificate) ने यूनाइटेड किंगडम के हाई कोर्ट में कुछ दस्तावेज दाखिल कर दावा किया है कि उसकी कोविड-19 वैक्सीन टीटीएस जैसी दुर्लभ बीमारी का कारण बन सकती है। एस्ट्राजेनेका वैक्सीन का विपणन कई देशों में कोविशील्ड और वैक्सजावेरिया नाम से किया गया था। भारत के नागरिकों को भी कोविशील्ड वैक्सीन दी गई है। इसलिए भारत में कोरोना टीकाकरण को लेकर सियासी माहौल गरमा गया है।