-मानूसन सत्र अब तक भारी हंगामेदार रहा
नई दिल्ली। Pm modi’s Speech in loksabha: संसद का मानूसन सत्र अब तक भारी हंगामेदार रहा है। विपक्ष के लगातार मांग के बावजूद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने लोकसभा में जवाब नहीं दिया। इसके बाद विपक्षी पार्टियों ने अविश्वास का प्रस्ताव लाकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मौनव्रत तोडऩे की बात कहीं है। इस मानसून सत्र के दोनों सदनों में भारी हंगामा जारी है।
संसद में विपक्षी पार्टियों के सांसदों ने लगातार प्रधानमंत्री से जवाब मांगा है जिसके जवाब में सत्तापक्ष की ओर से स्मृति ईरानी, पीयूष गोयल और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अब तक जवाब दिया है। आज सदन में चार बजे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अविश्वास प्रस्ताव में पूछे गए कई अहम सवालों का जवाब देंगे।
सब की नजर प्रधानमंत्री के जवाब पर होगी। वहीं देखना दिलचस्प होगा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी मणिपुर पर क्या कहतें है? बताया जा रहा है कि इसके लिए सत्तापक्ष ने पूरी तैयारी कर रखी है जिसका जवाब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी चुन-चुन कर पलटवार करते नजर आ सकते है।
विपक्ष के 10 बड़े नेता
जिन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अविश्वास प्रस्ताव लाकर जवाब मांगा है। इन सांसदों में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी, कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई, सपा सांसद डिंपल यादव, एनसीपी सांसद सुप्रीया सुले, टीएमसी सांसद सौगत रॉय, डीएमके सांसद टीआर बालू, नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी, जेडीयू सांसद राजीव रंजन सिंह और शिवसेना (उद्धव गुट) के सांसद अरविंद सावंत शामिल है ।
ये महत्वपूर्ण सवाल
- प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अब तक मणिपुर क्यों नहीं गए?
- लोकसभा और राज्यसभा में अब तक जवाब क्यों नहीं दिया?
- मणिपुर पर लेकर प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री को क्यों नहीं हटाया?
- विपक्षी नेता ने कहा मणिपुर को आप हिन्दुस्तान का हिस्सा मानते हो की नहीं?
- मणिपुर को लेकर मौनव्रत कब तोड़ेंगे?
- महिलाओं के साथ अत्याचार पर भाजपा सांसद कैसे समर्थन कर सकते है?
- मणिपुर में मानवाधिकार सरेआम उल्लंघन हुआ है उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा?
- मणिपुर की अशांति नागालैंड और मिजोरम तक फैल सकती है और पूरी पूर्वोत्तर सीमा को प्रभावित कर सकती है?
- मणिपुर की इतनी बड़ी घटना हुई और प्रधानमंत्री ने अब तक एक शब्द नहीं बोला?
- देश के प्रधानमंत्री होने के बावजूद चर्चा से क्यों दूर है प्रधानमंत्री?