नई दिल्ली। India-Russia Friendship : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को अपने संबंधों की मुख्य रूपरेखा पर जोर देते हुए कहा कि भारत और रूस के बीच दोस्ती समय की कसौटी पर खरी उतरी है। व्लादिवोस्तोक में आयोजित छठे पूर्वी आर्थिक मंच (Eastern Economic Forum) के पूर्ण सत्र को पीएम मोदी ने वर्चुअल संबोधित किया।
इस दौरान उन्होंने कहा, “अभी हाल ही में इसे कोविड -19 महामारी के दौरान टीकों के क्षेत्र सहित कई क्षेत्रों में हमारे सु²ढ़ सहयोग के रूप में देखा गया। महामारी ने हमारे द्विपक्षीय सहयोग में स्वास्थ्य और दवा क्षेत्रों के विशेष महत्व को सामने लाया है।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि ऊर्जा हमारी रणनीतिक साझेदारी का एक अन्य प्रमुख स्तंभ है। मोदी ने कहा, “भारत-रूस ऊर्जा साझेदारी वैश्विक ऊर्जा बाजार में स्थिरता लाने में काफी मदद कर सकती है।”
उन्होंने कहा, “मुझे खुशी है कि चेन्नई-व्लादिवोस्तोक समुद्री गलियारे का कार्य प्रगति पर है। अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर के साथ-साथ यह कनेक्टिविटी परियोजना भारत और रूस (India-Russia Friendship) को भौतिक रूप से एक-दूसरे के करीब लाएगी। महामारी संबंधी पाबंदियों के बावजूद कई क्षेत्रों में हमारे कारोबारी संबंधों को मजबूत करने में अच्छी प्रगति हुई है। इसमें भारतीय इस्पात उद्योग को कोकिंग कोल की दीर्घकालिक आपूर्ति शामिल है।”
पीएम मोदी ने कहा, “हम कृषि उद्योग, मिट्टी के बर्तन, रणनीतिक एवं दुर्लभ खनिजों और हीरे में भी नए अवसर तलाश रहे हैं। मुझे प्रसन्नता हो रही है कि साखा-याकुटिया और गुजरात के हीरा प्रतिनिधि इस मंच के तहत ही अलग से वातार्लाप कर रहे हैं। मुझे विश्वास है कि वर्ष 2019 में घोषित 1 अरब डॉलर की सॉफ्ट क्रेडिट लाइन दोनों देशों के बीच अनगिनत कारोबारी अवसर सृजित करेगी।”
रूसी सुदूर पूर्व के विकास के लिए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के दृष्टिकोण की सराहना करते हुए, मोदी ने कहा, “मैं रूस के सुदूर-पूर्व क्षेत्र के विकास के लिए राष्ट्रपति पुतिन के विजन की सराहना करता हूं। भारत इस विजन को साकार करने में रूस का एक विश्वसनीय साझेदार होगा। वर्ष 2019 में जब मैं मंच में भाग लेने के लिए व्लादिवोस्तोक गया था तो मैंने ‘एक्ट फार-ईस्ट’ नीति के लिए भारत की प्रतिबद्धता की घोषणा की थी। यह नीति रूस के साथ हमारी विशिष्ट और पसंदीदा रणनीतिक साझेदारी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।”
द्विपक्षीय सहयोग के बारे में उन्होंने कहा, “यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि भारत के सबसे बड़े शिपयार्डस में से एक मझगांव डॉक्स लिमिटेड दुनिया के कुछ सबसे महत्वपूर्ण वाणिज्यिक जहाजों के निर्माण के लिए ज्वेज्दा (रूस के) के साथ साझेदारी करेगा।”
उन्होंने आगे कहा, “भारत और रूस ‘गगनयान’ कार्यक्रम के माध्यम से अंतरिक्ष अन्वेषण में साझेदार हैं। भारत और रूस अंतर्राष्ट्रीय व्यापार एवं वाणिज्य के लिए उत्तरी समुद्री मार्ग खोलने में भी साझेदार होंगे।”
प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि महामारी संबंधी पाबंदियों के बावजूद कई क्षेत्रों में हमारे कारोबारी संबंधों को मजबूत करने में अच्छी प्रगति हुई है।उन्होंने कहा, “इसमें भारतीय इस्पात उद्योग को कोकिंग कोल की दीर्घकालिक आपूर्ति शामिल है। हम कृषि उद्योग, मिट्टी के बर्तन, रणनीतिक एवं दुर्लभ खनिजों और हीरे में भी नए अवसर तलाश रहे हैं।”
पीएम मोदी ने कहा, “मुझे प्रसन्नता हो रही है कि साखा-याकुटिया और गुजरात के हीरा प्रतिनिधि इस मंच के तहत ही अलग से वार्तालाप कर रहे हैं। मुझे विश्वास है कि वर्ष 2019 में घोषित 1 अरब डॉलर की सॉफ्ट क्रेडिट लाइन दोनों देशों (India-Russia Friendship) के बीच अनगिनत कारोबारी अवसर सृजित करेगी।”
प्रधानमंत्री ने कहा कि रूस के सुदूर-पूर्व के क्षेत्रों और भारत के संबंधित राज्यों के सबसे महत्वपूर्ण हितधारकों को एक ही प्लेटफॉर्म पर एक साथ लाना भी उपयोगी है। उन्होंने कहा, “वर्ष 2019 में प्रमुख भारतीय राज्यों के मुख्यमंत्रियों की यात्रा के दौरान हुई उपयोगी चचार्ओं को हमें आगे बढ़ाना चाहिए। मैं रूस के सुदूर पूर्व के 11 क्षेत्रों के गवर्नर को जल्द से जल्द भारत आने का निमंत्रण देता हूं।”
प्रधानमंत्री ने उल्लेख किया कि पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप पुरी इस मंच में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए व्लादिवोस्तोक में हैं। उन्होंने कहा, “भारतीय कामगार अमूर क्षेत्र में यमल से व्लादिवोस्तोक तक और इसके साथ ही उसके आगे चेन्नई में प्रमुख गैस परियोजनाओं में भाग ले रहे हैं। हमने एक ऊर्जा और व्यापार सेतु की परिकल्पना की है।”