संसद के मानसून सत्र की शुरुआत एक साधारण प्रक्रिया नहीं, बल्कि भारत की विजय गाथा का प्रतीक बन गई। पीएम मोदी के शब्दों में था एक नया आत्मविश्वास, जो हर भारतीय के दिल में उतर गया।
PM Modi Monsoon Session Speech : संसद भवन के ऐतिहासिक प्रांगण में आज कुछ ऐसा घटा जो सिर्फ़ राजनीति नहीं, बल्कि राष्ट्रभाव का प्रतिबिंब बन गया। प्रधानमंत्री ने जब मानसून सत्र को “विजय उत्सव” की संज्ञा दी, तो वह सिर्फ़ औपचारिक संबोधन नहीं था, बल्कि भारत की वैश्विक प्रतिष्ठा, सैन्य ताकत और आर्थिक पुनर्जागरण की झलक थी।
सत्र की शुरुआत से ठीक पहले पीएम मोदी का संबोधन जैसे हर भारतीय के हृदय को छू गया। उनके शब्दों में गर्व था – “ऑपरेशन सिंदूर” की 22 मिनट की निर्णायक सफलता हो, या “इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन” पर लहराता तिरंगा – हर घटना अब एक गाथा बन गई है।
भारत अब ‘Fragile Five’ नहीं, ‘Future Five’ का नेतृत्वकर्ता
प्रधानमंत्री(PM Modi Monsoon Session Speech) ने याद दिलाया कि एक समय था जब देश आर्थिक अस्थिरता के लिए जाना जाता था, पर अब वही भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर दौड़ रहा है। मुद्रास्फीति पर नियंत्रण, 25 करोड़ लोगों का गरीबी से बाहर आना और नक्सल प्रभावित क्षेत्रों का विकास की ओर लौटना — ये सब सिर्फ़ आंकड़े नहीं, एक नए युग की दस्तक हैं।
22 मिनट, और आतंक का अंत
“ऑपरेशन सिंदूर” के तहत आतंक के गढ़ों को जमींदोज करने की कार्रवाई, सिर्फ़ सैन्य सफलता नहीं, एक संदेश था — भारत अब सहन नहीं करता, निर्णायक होता है। मेड इन इंडिया हथियारों की विश्व स्तर पर बढ़ती मांग इस बदली हुई छवि का (PM Modi Monsoon Session Speech)प्रमाण है।
दलों से ऊपर उठकर, देश के लिए एकजुटता
पीएम मोदी ने पहलगाम की घटना के बाद पाकिस्तान(PM Modi Monsoon Session Speech) को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बेनकाब करने के लिए सांसदों द्वारा किए गए समवेत प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा, “जब भारत एक सुर में बोलता है, तो दुनिया सुनती है।”