Defence Office : प्रधानमंत्री ने सेंट्रल विस्टा के आलोचकों को लिया आड़े हाथों
नई दिल्ली। Defence Office : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को दिल्ली में रक्षा कार्यालय परिसर का उद्घाटन किया। ये नया परिसर अब सशस्त्र बलों के लिए सभी आधुनिक सुविधाओं के साथ बेहतर काम करने की स्थिति में काम करना संभव बनाएगा। मध्य दिल्ली में कस्तूरबा गांधी मार्ग और अफ्रीकी एवेन्यू में बनाए गए नए परिसरों में 7 हजार से अधिक रक्षा कर्मियों को स्थानांतरित किया जाएगा।
उद्घाटन कार्यक्रम में पीएम ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट की वेबसाइट भी लॉन्च की। इस अवसर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, आवास और शहरी कार्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी, रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट, आवास और शहरी कार्य राज्य मंत्री कौशल किशोर, प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल विपिन रावत (CDS) और सशस्त्र बलों के प्रमुख शामिल रहे।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि परियोजनाओं को 12-13 महीने में पूरा किया गया है जबकि अनुमानित समय सीमा 48 महीने थी। इसने 50 प्रतिशत समय बचाया और हजारों लोगों को रोजगार भी दिया, वह भी तब जब कोविड-19 महामारी थी।
सेंट्रल विस्टा के आलोचकों पर साधा निशाना
इस दौरान पीएम मोदी सेंट्रल विस्टा परियोजना के आलोचकों पर निशाना साधा। प्रधानमंत्री ने कहा कि जो लोग सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के खिलाफ हैं, वे इस बात को आसानी से नजरअंदाज कर देते हैं कि डिफेंस कॉम्प्लेक्स प्रोजेक्ट भी इसका हिस्सा है। उन्होंने कहा, “ये लोग इस तथ्य की अनदेखी करते हैं ताकि वे परियोजना के बारे में झूठ फैलाना जारी रख सकें।”
प्रधानमंत्री ने कहा, “आज दुनिया उस भव्य सेंट्रल विस्टा को देख रही है जिसे 24 घंटे काम करने वाले सेना के अधिकारियों के लिए काम की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए आधुनिक तकनीक और सुविधाओं के आधार पर स्थापित किया गया है।”
उन्होंने यह भी कहा कि जब देश ईज ऑफ लिविंग और ईज ऑफ डूइंग बिजनेस पर ध्यान केंद्रित कर रहा है, जिसमें आधुनिक बुनियादी ढांचा एक आवश्यक भूमिका निभाता है। सेंट्रल विस्टा परियोजनाओं के मूल में यही भावना है।
मील का पत्थर साबित होगा-राजनाथ
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने नवनिर्मित रक्षा कार्यालय परिसर के उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की। उन्होंने कहा, “इस परियोजना का रिकॉर्ड समय में सफलतापूर्वक पूरा होना वास्तव में भारत के रक्षा क्षेत्र के इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।”
सिंह ने आगे बताया कि यह रक्षा कार्यालय परिसर ‘न्यू इंडिया’ के लिए प्रधान मंत्री के दृष्टिकोण और ‘सेंट्रल विस्टा’ परियोजना के लिए उनकी प्रतिबद्धता के अनुरूप है। उन्होंने कहा, “पिछली इमारतें जर्जर अवस्था में थीं, हमारे अधिकारियों की काम करने की स्थिति प्रभावित हुई.. जगह का अधिकतम उपयोग नहीं किया गया, यही वजह है कि इस परिसर को लाया गया है। 7 हजार से अधिक श्रमिकों को अच्छे में समायोजित किया जा सकता है।”
नए परिसर में ये हैं सुविधाएँ –
- रक्षा मंत्रालय के दो नए कार्यालय तैयार हुए हैं. पहला कस्तूरबा गांधी मार्ग (सेंट्रल दिल्ली) और दूसरा अफ्रीका एवेन्यू (चाणक्यपुरी) में स्थित है।
- दोनों ही बिल्डिंग सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट का हिस्सा हैं, जिसके तहत लुटियन दिल्ली में आने वाले 86 एकड़ के हिस्से को रीडेवेलप किया जाना है, यह प्रोजेक्ट कुल 20 हजार करोड़ रुपये का है।
- अफ्रीका एवेन्यू वाला कॉम्पलेक्स 7 मंजिला है, जिसमें सिर्फ रक्षा मंत्रालय के दफ्तर होंगे।
- केजी मार्ग वाला दफ्तर 8 मंजिला है, जिसमें परिवहन भवन, श्रम शक्ति भवन के ऑफिस भी होंगे।
- भवन संचालन के प्रबंधन के लिए एक एकीकृत कमान और नियंत्रण केंद्र की स्थापना की गई है, जो दोनों भवनों की सुरक्षा और निगरानी करेगा।
- रक्षा मंत्रालय के इन दो कार्यालयों को तैयार करने में 775 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं।
- इन दो दफ्तरों में कुल 7 हजार ऑफिसर्स-कर्मचारी काम कर सकेंग। जो कि 27 अलग-अलग संगठनों के होंगे।
- इन इमारतों की एक खासयित यह भी है कि इनके निर्माण में नई और टिकाऊ तकनीक, एलजीएसएफ (लाइट गेज स्टील फ्रेम) का इस्तेमाल हुआ है।