Pitta kapha fever: पित्त-कफ ज्वर– कुटकी चूर्ण 1 ग्राम, मिश्री 10 ग्राम मिलाकर उष्णजल से सेवन करने पर पित्त-कफ ज्वर नष्ट होता है।
Pitta kapha fever: अडूसे के फल तथा कोमल पत्तियों को जल से धोकर उनको बारीक पीसकर 2 तोले रस निकालकर मधु और मिश्री मिलाकर सेवन करनेसक कफ पित्त ज्वर नष्ट होता है। इस औषधि के सेवन से रक्तपित्त और कामला (पीलिया) रोग में भी बहुत लाभ होता है।
– चिरायता, नागरमोथा, सोंठ, गुर्च का क्वाथ बनाकर पिलाने से कफ-पित्त ज्वर नष्ट होता है। यदि रोगी में पित्त के लक्षण अधिक हों तो इसमें सुगंध वाला, पाढ़ और खस मिलाकर क्वाथ बनाएं।
Pitta and kapha fever: पंचतिक्त क्वाथ- छोटी कटेली, गुर्च सोंठ, पोहकरमूल, चिरायता प्रत्येक औषधि 5-5 ग्राम लेकर 300 ग्राम जल में पकाकर क्वाथ बनाएं। 50 ग्राम शेष रह जाने पर 30 ग्राम क्वाथ छानकर पिलाने से कफ पित्त ज्वर नष्ट होता है। ज्वरनाशक औषधियों के साथ अनुपान के रूप भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
– परवल की पत्ती, नीम की छाल, हरड़, बहेड़ा, आंवला, मुलहठी, खिरेटी का क्वाथ बनाकर पीने से पित्त-कफ ज्वर नष्ट होता है।
यह उपाय इंटरनेट के माध्यम से संकलित हैं कृपया अपने डॉक्टर से परामर्श करके ही उपाय करें।