क्रांति सेना का अभी भी बेमेतरा के ब्लॉक स्थित पिरदा बारूद फैक्ट्री के सामने प्रदर्शन जारी
रायपुर/नवप्रदेश। Pirda Explosive Factory Blast Case : प्रबंधन 30 लाख देने को तैयार, प्रति मजदूर 50 लाख मुआवजे के लिए पेंच फंसी है। शनिवार को छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के ब्लॉक पिरदा के बारूद फैक्ट्री में हुए ब्लास्ट में मारे गए मजदूरों के परिजनों का मंगलवार को भी मुआवज़े की रकम को लेकर क्रांति सेना के बैनर तले प्रदर्शन जारी रहा। सूत्रों की मानें तो प्रबंधन 30 लाख देने को तैयार है, लेकिन पीड़ित परिवार और क्रांति सेना प्रति मजदूर 50 लाख मुआवजा चाहता है।
जानकारी के मुताबिक फैक्ट्री के मालिक संजय चौधरी के रायपुर स्थित दफ्तर में मृतकों ओर घायलों के परिजनों के बीच समझौते को लेकर चर्चा हुई है। जिसमे प्रबंधन की तरफ से मृतकों के परिजनों को 30 लाख रूपए और घायलों के परिजनों को 5 लाख रूपए प्रति व्यक्ति जबकि फैक्ट्री में नौकरी के साथ आठ घायलों के इलाज का पूरा खर्च प्रबंधन द्वारा वहन किए जाने का प्रस्ताव दिया गया है।
लेकिन क्रांति सेना शोकाकुल परिवार के लिए 50 लाख का मुआवजा चाह रही है। दोनों पक्षों में आर्थिक क्षतिपूर्ति की राशि को लेकर सहमति नहीं बन पाई है। बात नहीं बनी इसलिए भी मंगलवार को फैक्ट्री के बाहर प्रदर्शन जारी था।
तत्कालीन मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के दामाद की है फैक्ट्री
जानकारी के मुताबिक संजय चौधरी तत्कालीन मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के दामाद हैं। बताया जाता है कि बेमेतरा जिले के ब्लॉक पिरदा की बारूद फैक्ट्री एक ज़माने में एमपी के एक आला नेता के दामाद की ही है। हालांकि तत्कालीन मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता अब इस दुनिया में नहीं हैं।
संभवतयः इसलिए भी पुरे मामले में कांग्रेस भी अपरोक्ष रूप से हमलावर बनी हुई है। अब देखना यह है कि बीजेपी शासित छत्तीसगढ़ में जिला और पुलिस प्रशासन कितनी जल्दी मामले का पटाक्षेप कर पीड़ित परिवारों को इंसाफ दिलाएंगे। बता दें कि CM विष्णुदेव साय ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख और घायलों को 50 हजार देने का एलान कर चुके है।