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छत्तीसगढ़ पुलिस : सिर्फ 6 माह में 109 परिवारों के पीएचक्यू ने पोंछे आंसू

Promotion made on the basis of game to three police players

Sports Police

रायपुर। राज्य और कानून की हिफाजत के लिए अपनी जान न्यौछावर कर शहादत पाने वाले पुलिस कर्मी परिवारों को रिकार्ड समय में पुलिस मुख्यालय (PHQ Chhattisgarh) ने राहत दी है। घर के कमाऊ पूत को खोने के गम में डूबे पुलिस परिवार के पास रोजी-रोटी की चिंता भी खड़ी हो गई थी। जमापूंजी भी खत्म हो गई थी ऐसे में अनुकंपा नियुक्ति के तौर पर पीएचक्यू ने गमगीन परिवार को राहत का मरहम लगाया है। महज 6 महीने में ही ऐसे 109 परिवारों के मामलों में पूरी शिद्दत से काम कर अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों निकाल किया। इसमें 15 ऐसे परिवारों को भी अनुकंपा नियुक्ति दी गई है जिन्होंने नक्सलियों से लोहा लेते, वीआईपी सुरक्षा में जान न्यौछावर करने वाले और कानून व्यवस्था के लिए अपने प्राणों की बलि देने वाले शहीद परिवार हैं।

DM Awasthi

इसके अलावा वो पुलिस अफसर-कर्मी भी हैं जिनकी असमय मृत्यु, ड्यूटी के दौरान हार्ट अटैक और हादसे में मौत हो गई थी उन परिवारों के अनुकंपा नियुक्ति प्रकरणों को पुलिस महानिदेशक दुर्गेश माधव अवस्थी और प्रशासन के विशेष प्रयासों से हल किया गया। डीजीपी श्री अवस्थी का कहना है कि घर के लिए कमाने वाला अगर अकस्मात चला जाए तो जिस तरह की दिक्कतों को पूर्व में महीनों और कभी-कभी सालों आर्थिक स्थिति का सामना करना पड़ता रहा है। इसके मद्देनजर पीएचक्यू (PHQ Chhattisgarh) स्तर पर कई अनुकंपा नियुक्ति मामलों पर तेजी लाते हुए रिकार्ड समय 6 माह में 109 लोगों को उनके हक की अनुकंपा नियुक्ति मामला हल कर दिया गया है। साथ ही बकाया आर्थिक लाभ तत्काल प्रदाय करने के लिए भी सभी इकाइयों को निर्देशित कर दिया गया है।

पुलिस छोड़ दूसरे विभाग के लिए भी की गई सिफारिश

बताते हैं कि कुछ प्रकरणों में जहां आश्रितों द्वारा अन्य विभागों में नियुक्ति चाही गई है। उन प्रकरणों को शासन स्तर पर अन्य विभागों में अनुकंपा नियुक्ति प्रदान करने हेतु अगे्रषित किया गया है। विगत दिनों 9 अप्रैल 2019 को दंतेवाड़ा जिले में नक्सल घटना में शहीद आरक्षक श्री दंतेश्वर मौर्य के पुत्र को बाल आरक्षक के पद पर 15 अप्रैल 2019 को नियुक्ति प्रदान की गई।

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