रायपुर/नवप्रदेश। Petrol & Diesel Price : केंद्र सरकार ने पेट्रोल और डीजल के उत्पाद शुल्क में कटौती की है। रायपुर स्थित व्यापारिक संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद दिया और इसे केंद्र सरकार द्वारा महंगाई कम करने की दिशा में बड़ी राहत करार दिया।
राज्यों को अनुसरण करने का दिया सुझाव
कैट राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर पारवानी ने इस दिशा में अन्य सभी राज्यों को इसका अनुसरण करने का सुझाव भी दिया। पारवानी ने कहा कि इस कटौती से रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतों में भी कम से कम 10 फीसदी की कमी आएगी, साथ ही व्यापारी संघ को अन्य वस्तुओं पर उत्पाद शुल्क में कमी की उम्मीद है।
कैट के चेयरमेन मगेलाल मालू, अमर गिदवानी, प्रदेश अध्यक्ष जितेन्द्र दोशी, कार्यकारी अध्यक्ष विक्रम सिंहदेव, परमानन्द जैन, वाशु माखीजा, महामंत्री सुरिन्द्रर सिंह, कार्यकारी महामंत्री भरत जैन, कोषाध्यक्ष अजय अग्रवाल एवं मीड़िया प्रभारी संजय चौंबे ने संयुक्त रूप से बताया कि उन चीजों को बनाने के लिए आवश्यक कच्चे माल के परिवहन (Petrol & Diesel Price) की लागत भी कम होगी, जिससे अन्य वस्तुओं की कीमतों में भी कमी आनी चाहिए। कैट ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार का अनुसरण करते हुए सभी राज्यों को भी वैट की दरों में कमी करनी चाहिए, तभी जनता को महंगाई से अच्छी राहत मिलेगी।
राहत देने की सरकार की मंशा
केंद्र सरकार के इस कदम को लोगों के प्रति प्रधानमंत्री मोदी की संवेदनशीलता बताते हुए परवानी ने कहा कि उत्पाद शुल्क में कमी से लोगों को महंगाई से राहत देने की सरकार की मंशा स्पष्ट होती है। इस दृष्टि से यह सुनिश्चित करना बहुत महत्वपूर्ण है कि बड़े निर्माताओं द्वारा उनके उत्पादों की कीमतें कम की जाएं। अक्सर देश के लोगों को इस प्रकार की कमी का लाभ नहीं मिल पाता है।
उत्पादों का 80% परिवहन सड़क मार्ग
उन्होंने कहा कि देश में सभी सामानों की 80 फीसदी आवाजाही सड़क परिवहन से होती है, जो सिर्फ पेट्रोल और डीजल से चलती है। उन्होंने बताया कि इस कड़ी में सबसे पहले किसी भी वस्तु को बनाने के लिए कच्चे माल का परिवहन किया जाता है और उसके बाद कारखाने से उपभोक्ता तक कम से कम तीन बार सड़क परिवहन का उपयोग किया जाता है। हर स्तर पर पेट्रोल डीजल की भारी खपत हो रही है। सरकार ने लगभग 10% पेट्रोल पर और लगभग 8% डीज़ल पर उत्पाद शुल्क में कमी की है। अतः एक मोटे अनुमान के अनुसार इस कमी के फलस्वरूप सभी वस्तुओं की कीमतों में लगभग 10% की कमी होनी चाहिए, जिसका सीधा लाभ उपभोक्ताओं को मिलना चाहिए।
कैट ने सरकार को दिया सुझाव
पारवानी ने कहा कि पूर्व में देखा गया है कि सरकार जब भी टैक्स (Petrol & Diesel Price) में इस तरह की छूट देती है तो बड़े निर्माता इस छूट का लाभ अपने पास रखते हैं। अपने माल के दाम कभी कम न करें, जबकि इसके उलट जब भी सरकार किसी वस्तु पर शुल्क बढ़ा देती है तो बड़े निर्माता कीमत बढ़ाने में देर नहीं करते। दोनों व्यवसायी नेताओं ने सरकार से आग्रह किया है कि बड़े निर्माताओं द्वारा अपने माल की कीमतों को तुरंत कम किया जाए ताकि लोगों को लाभ देने की सरकार की मंशा को पूरा किया जा सके।
उन्होंने सुझाव दिया कि सरकार को निर्माताओं, विशेष रूप से रोजमर्रा की वस्तुओं, खाद्य पदार्थों, तेल आदि का निर्माण करने वालों को निर्देश देना चाहिए कि वे पेट्रोल और डीजल में उत्पाद शुल्क में छूट से पहले और बाद में वस्तुओं की कीमतों का तुलनात्मक चार्ट सार्वजनिक करें, ताकि यह स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है कि कीमत कम हुई है या नहीं।