नई दिल्ली। petrol and diesel price hike: पेट्रोल और डीजल की कीमतें अब एक दूसरे के साथ बराबरी कर रहे हैं। पेट्रोल कभी सौ के पार नहीं गया। कहीं-कहीं नब्बे के दशक में डीजल भी शतक मारने की तैयारी कर रहा है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों से पेट्रोल-डीजल महंगा हो गया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगले साल तक कच्चा तेल 100-100 प्रति बैरल जितना महंगा हो जाएगा। कोरोना संकट ने ईंधन की कीमतों को हवा दी है और आम आदमी की जेब पर बोझ डाला है। पिछले कुछ दिनों से पेट्रोल के दामों में बढ़ोतरी हो रही है।
इस बीच केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री ने ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी का खुलासा किया है। पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों के लिए केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराया है। पेट्रोल डीजल (petrol and diesel price hike) की कीमतों में एक बार फिर से उछाल आया है। इसी तरह धर्मेंद्र प्रधान ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि ‘पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 100 और ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी के लिए कांग्रेस जिम्मेदार है।
पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान (petrol and diesel price hike) ने कहा है कि कांग्रेस ने 2014 से पहले तेल बांड के रूप में हम पर अरबों रुपये का कर्ज छोड़ा था। इसलिए अब हमें मूलधन और ब्याज का भुगतान करना होगा। यह तेल की कीमतों में वृद्धि के मुख्य कारणों में से एक है। अंतर्राष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमतें बढ़ी हैं।
पिछले 18 महीनों से कच्चे तेल की कीमतों में तेजी का सिलसिला जारी है। तेल उत्पादन कम और मांग अधिक होने से आपूर्ति प्रभावित होने की आशंका है। नतीजतन, तेल की कीमतों में वृद्धि की उम्मीद है। शुरुआती अनुमान यह था कि ब्रेंट कच्चे तेल की कीमतें 63 63 पर स्थिर हो जाएंगी। हालांकि, मौजूदा भाव 75 75 प्रति बैरल है।
आने वाले समय में यह कीमत बढ़ती रहेगी। भारत अपनी कुल ईंधन जरूरत का 82 फीसदी आयात करता है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि का भारत में ईंधन की कीमतों पर असर पड़ा है। इसलिए मौजूदा हालात को देखते हुए उम्मीद है कि निकट भविष्य में भी देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी जारी रहेगी। 2022 के अंत तक ब्रेंट क्रूड के 100 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंचने की उम्मीद है। नतीजतन, पेट्रोल और डीजल की कीमतें आसमान छू जाएंगी।