पेंड्रा में आयोजित सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा (Pendra Katha 2025) के समापन अवसर पर पद्मविभूषण संत स्वामी रामभद्राचार्य महाराज ने कहा कि भारत में रहना है तो जय श्रीराम कहना होगा, जो जय श्रीराम नहीं कहेगा वह इस देश में नहीं रहेगा। (Swami Ram Bhadracharya Statement) कथा के दौरान उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण और सुदामा चरित्र का भावपूर्ण वर्णन किया।
उन्होंने कहा कि वे जल्द ही पेंड्रा में भगवान श्रीराम कथा सुनाने आएंगे, जो नौ दिनों तक चलेगी। (Shri Ram Katha Pendra) कथा के दौरान स्वामी रामभद्राचार्य ने बताया कि भगवान श्रीकृष्ण की आठ प्रमुख पत्नियां थीं — रुक्मिणी, जाम्बवती, सत्यभामा, कालिंदी, मित्रबिन्दा, नग्नजिती, भद्रा और लक्ष्मणा जिन्हें अष्टभार्या कहा जाता है।
स्वामी जी ने यह भी बताया कि भगवान श्रीकृष्ण ने 16,000 स्त्रियों को नारकासुर की कैद से मुक्त कराया था। जब समाज ने उन्हें स्वीकार नहीं किया, तो भगवान कृष्ण ने उनका सम्मान बनाए रखने के लिए उनसे विवाह किया और उन्हें द्वारका में अलग-अलग महलों में स्थान दिया।
उन्होंने कहा कि परमात्मा की पत्नी का नाम भक्ति है, श्रीराम अवतार में सीता जी और श्रीकृष्ण अवतार (Pendra Katha 2025) में राधा जी हैं। जीवात्मा की पत्नी बुद्धि कहलाती है। स्वामी रामभद्राचार्य ने बताया कि वे श्रीकृष्ण की रासलीला पर कई धार्मिक ग्रंथ लिख चुके हैं।
कथा में उन्होंने कहा कि जो भगवान का भजन करता है, उससे गलती नहीं होती, और अगर होती भी है तो भगवान स्वयं उसे क्षमा कर देते हैं। भक्त को सद्गुरु के चरणों में लगकर ही भवसागर से पार मिल (Pendra Katha 2025) सकता है। कथा के समापन पर श्रद्धालुओं ने स्वामी रामभद्राचार्य से गुरुदीक्षा ग्रहण की। समापन के बाद भंडारा प्रसाद का आयोजन हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया।

