रायपुर/नवप्रदेश। Pegasus Case : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने पेगासस जासूसी मामले में सुप्रीम कोर्ट के जांच आदेश का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि आम जनता की निजता का उल्लंघन करने की सोच रखने वालों को न्यायालय ने आईना दिखाया।
पेगासस जासूसी मामले की जांच को लेकर लगातार देश के मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस एवं अन्य राजनीतिक दलों, नामचीन पत्रकारों ने निष्पक्ष जांच की मांग की लेकिन सत्ता के अहंकार में मदमस्त मोदी सरकार ने पेगासस की जांच से बचती रही एवं निजता के अधिकार का हनन करती रही है।
पेगासस जासूसी कांड (Pegasus Case) उजागर होने के बाद देश की जनता अपनी निजता को लेकर चिंतित और परेशान रही है अब सर्वोच्च न्यायालय के जांच आदेश के बाद पेगासस प्रकरण का दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। पेगासस जासूसी कांड की जांच एक्सपर्ट कमेटी करेगी, इसे 8 हफ्ते में रिपोर्ट देगी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि मोदी भाजपा की सरकार संवैधानिक ढांचे को खंडित करने में तुली हुई है आम जनता के मौलिक अधिकारों का हनन कर रही है पेगासस जासूसी कांड के पीछे कौन-कौन लोग शामिल हैं?
उनकी क्या मंशा रही है? किस उद्देश्य से मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस एवं अन्य राजनीतिक दल के नेता सहित नामचीन पत्रकार एवं डॉक्टर उद्योगपतियों की जासूसी कराई गई? अब जनता के बीच उजागर हो जाएगा।
पेगासस जासूसी के पीछे की ताकत
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा कि विश्व के 300 से अधिक मीडिया संस्थानों ने पेगासस जासूसी कांड (Pegasus Case) का भंडाफोड़ करने काम किया था। इजराइल की कंपनी जो पेगासस सॉफ्टवेयर डेवलप करती है। उन्होंने भी सार्वजनिक तौर पर बयान देकर कह चुके हैं कि उनका सॉफ्टवेयर किसी भी देश में सिर्फ सरकार के साथ ही डील होने के बाद कार्य करती है।
निजी संस्था या निजी व्यक्ति के साथ उनका किसी भी प्रकार डील नहीं होता है। ऐसे में भारत में जासूसी प्रकरण के पीछे कौन सी ताकत मौजूद है यह सार्वजनिक होना अति आवश्यक है।