PCC Chief's Counterattack : विष्णुदेव आदिवासी विरोधी साजिश का मोहरा बन गए है

PCC Chief’s Counterattack : विष्णुदेव आदिवासी विरोधी साजिश का मोहरा बन गए है

PCC Chief's Counterattack : Vishnudev has become a pawn of an anti-tribal conspiracy

PCC Chief's Counterattack

रायपुर/नवप्रदेश। PCC Chief’s Counterattack : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि रमन राज में आदिवासियों पर अत्याचार हो रहे थे तब विष्णुदेव साय सहित भाजपा के आदिवासी नेता मौन थे। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष विष्णुदेव साय भाजपा की आदिवासी विरोधी राजनीति के मोहरे बन गए हैं। भाजपा उनका इस्तेमाल आदिवासियों को गुमराह करने के लिए कर रही है।

वे आदिवासी समाज (PCC Chief’s Counterattack) के हितों पर विचार करने की बजाय भाजपा की साम्प्रदायिक राजनीति के दलदल में फंस गए हैं इसलिए उन्हें कांग्रेस सरकार द्वारा आदिवासी समाज के हित और आदिवासियों के जीवन में खुशहाली के लिए किये जा रहे काम दिखाई नहीं दे रहे। आदिवासियों में भ्रम फैला कर उन्हें भड़काने की भाजपा की साजिश कभी सफल नहीं हो सकती। आदिवासी समाज जानता है कि उसके हित कांग्रेस की सरकार में ही सुरक्षित हैं। भाजपा ने सत्ता में रहते हुए 15 साल तक आदिवासी को आदिवासी से लड़ाया।

रमन राज में आदिवासियों के अत्याचार पर चुप रहे भाजपा नेता

आदिवासियों का शोषण किया। उनका उत्पीड़न किया। उनकी जमीन छीनी। बेकसूर आदिवासियों को जेल में ठूंसा। तब विष्णुदेव साय कहां थे? कभी आदिवासियों के अधिकार की बात करने की नैतिकता क्यों नहीं दिखाई? रमन राज में ताडमेटला, सारकेगुड़ा जैसी दुर्दांत घटनायें हुई मीनाखल्को, मडकम हिडमा अमानवीय क्रूर हत्याकांड हुआ तब क्यों मौन थे? भाजपा के राज में बेतहाशा धर्मांतरण हुआ, तब विष्णुदेव साय के मन में आदिवासी प्रेम क्यों नहीं जागा? अब जबकि धर्मांतरण का एक भी प्रमाण भाजपा नहीं दे पा रही है तो  विष्णुदेव साय को आदिवासियों को बरगलाने के काम पर लगाया गया है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष मोहन मरकाम ने कहा है कि कांग्रेस सरकार ने राज्य के आदिवासी समाज की बेहतरी और आदिवासी क्षेत्रों के विकास का बीड़ा उठाया है उनकी आर्थिक सामाजिक शैक्षणिक उन्नति की योजना बनी है तो भाजपा को इसलिए कष्ट हो रहा है कि आदिवासियों के सामने भाजपा बेनकाब हो गई है।

आदिवासी समाज भाजपा (PCC Chief’s Counterattack) की असलियत समझ चुका है इसलिए आदिवासी बहुल बस्तर में भाजपा को एक भी सीट नहीं मिली। भाजपा अब अपनी साजिशी फितरत के तहत आदिवासियों को अशांति के रास्ते पर धकेल रही है। राज्य में कहीं कोई जबरिया धर्मांतरण का सवाल ही नहीं है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सर्व धर्म समभाव का प्रशासन चला रहे हैं। भाजपा नफरत की राजनीति से बाज नहीं आ रही है।

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