प्रयागराज/नवप्रदेश। पौष पूर्णिमा (Paush Purnima) के पहले सप्ताह में माघ मेले (Magha Mela) के आयोजन से पहले से तीर्थराज प्रयाग में गंगा, यमुना एवं अदृश्य सरस्वती के त्रिवेणी संगम (Triveni Sangam) तट पर पौष स्नान करने के लिए कड़ाके की ठंड और शीतलहर पर आस्था (Faith) का विश्वास (Trust) भारी पड़ गया।
माघ मेले के आयोजन से पहले देश के कोने-कोने से श्रद्धालुओं की भीड़ इस त्रिवेणी संगम में स्नान करने के उमड़ती है। इस त्रिवेणी संगम पर आस्था का समंदर दिखाई पड़ता है। मेला प्रशासन ने 32 लाख श्रद्धालुओं के स्नान करने का अनुमान लगाया है।
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श्रद्धालुओं ने भोर के तीन बजे से ही संगम के पवित्र जल में आस्था की डुबकी लगाना शुरू कर दिया। मेले में विभिन्न संस्कृतियों, भाषाओं और विविधताओं का संगम दिखायी पड़ रहा है। कड़ाके की ठंड और शीतलहर पर आस्था का विश्वास भारी पड़ रहा है।
त्रिवेणी के संगम तट पर सांय-सांय करती तेज हवा और कड़ाके की ठंड में पतित पावनी के जल में भोर के चार बजे से ही श्रद्धालु, कल्पवासी, तीर्थयात्री और सांधु-संतों ने ”हर हर गंगे, ऊं नम: शिवाय, श्री राम जयराम जय जय राम” का उच्चारण करते हुए स्नान शुरू कर दिया।