चंडीगढ़। Patiala Central Jail : 1988 के रोड रेज मामले में नवजोत सिंह सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट ने एक साल जेल की सजा सुनाई है। इसके बाद क्रिकेटर से कमेंटेटर और नेता बने नवजोत सिंह सिद्धू अब पटियाला सेंट्रल जेल में क्लर्क के तौर पर काम करेंगे। दरअसल सिद्धू की सुरक्षा के लिहाज से फैसला लिया गया है कि सिद्धू पटियाला जेल में जेल के दफ्तर का क्लरिकल काम देखेंगे।
बता दें कि पटियाला जेल (Patiala Central Jail) में सिद्धू के पास जेल कार्यालय का कामकाज होगा। गौरतलब है कि 34 साल पुराने रोड रेज मामले में सिद्धू को एक साल की जेल हुई है। वहीं जेल के भीतर सिद्धू की सुरक्षा भी जेल प्रशासन के लिए एक चुनौती है। ऐसे में सिद्धू को कोई और काम ना देते हुए प्रशासन ने लिपिकीय जिम्मेदारी दी है। 58 साल के सिद्धू के लिए राहत की बात यह है कि उन्हें फैक्ट्री में काम नहीं करना पड़ेगा।
सुरक्षा के लिहाज से लिया फैसला
इसको लेकर पटियाला जेल अधीक्षक मनजीत सिंह टिवाणा का कहना है कि सिद्धू पढ़े-लिखे हैं और साथ ही जेल में उनकी सुरक्षा को लेकर भी किसी प्रकार का जोखिम नहीं लिया जा सकता। ऐसे में फैसला लिया गया है कि उन्हें पूरी सजा के दौरान क्लर्क का काम करना होगा। गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के सजा सुनाने के बाद सिद्धू ने 20 मई को पटियाला की अदालत में आत्मसमर्पण किया था। तब से वह पटियाला जेल की बैरक नंबर 10 में बंद हैं।
सिद्धू को दिये गये काम के बाद अब वो रोजाना जेल कार्यालय फाइल भेजेंगे। उनकी ड्यूटी सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक रहेगी। इस दौरान वह कभी भी फाइलों पर काम कर सकते हैं। सिद्धू को इस काम के बदले में कोई वेतन नहीं मिलेगा। दरअसल सिद्धू को लिपिकीय कार्य का कोई अनुभव नहीं है। अब वह अकुशल कर्मचारी की श्रेणी में है।
सिद्धू को 3 महीने बाद रोजाना 30 रुपये मिलेगा
हालांकि नवजोत सिंह सिद्धू (Patiala Central Jail) को 3 महीने बाद उसे रोजाना 30 रुपये दिए जाएंगे। वहीं कार्य में कुशल होने के साथ ही यह राशि बढ़ाकर 90 रुपये कर दी जाएगी। सिद्धू को सुप्रीम कोर्ट से सजा के बाद किसी फैक्ट्री या बेकरी में भी काम पर लगाया जा सकता है लेकिन सिद्धू की सुरक्षा भी चिंता का विषय है। कई अन्य पेशेवर कैदी कारखानों और बेकरियों में काम करते हैं। ऐसे में सिद्धू की सुरक्षा पर खतरा हो सकता है।