-10 फिट के अजगर का किया रेस्क्यू, जिले में स्नेक सेवर टीम लगातार बचा रही सांपो की जान
-बीते महीने अजगर की हत्या में मामला दर्ज होने के बाद अब लोग जागरूक होकर दे रहे जानकारी
बचेली/पालनार/नवप्रदेश। पालनार (Palanar) से लगभग दस किलोमीटर दूर स्थित (Located ten kilometers away) फूलपाड़ के एक ग्रामीण के घर (A villager’s house) आज इंडियन रॉक पाइथन (Indian Rock Python) निकला जिसकी सूचना ग्रामीणों ने वन विभाग के कर्मचारियों को दी।
बचेली रेंजर अशोक सोनवानी नें सूचना प्राप्त होते ही तत्काल बचेली के स्नेक सेवर टीम के अमित मिश्रा से सम्पर्क किया। चूंकी अजगर विशालकाय आकार का था एवं भारी भरकम होने की वजह से अमित मिश्रा अपने सहयोगी दीपक ठाकुर को लेकर तत्काल निकल पड़े ।
कड़ी मशक्कत के बाद अजगर को बचाकर बचेली वन विभाग कार्यालय लाया गया तथा उसकी जांच कर घने जंगल में नाले के समीप सुरक्षित स्थान पर छोड़ दिया गया। स्नैक कैचर अमित मिश्रा एवं दीपक ठाकुर ने बताया की बचाया गया यह भारतीय पहाड़ी अजगर लगभग आठ वर्ष का व्यस्क नर हैं ।
इसका वजन 24.5 किलो हैं और ये पुर्णतया स्वस्थ हैं ग्रामीणों द्वारा सूचना प्राप्त होना अच्छी पहल हैं जागरुकता द्वारा हम इस प्राणी का जीवन बचा पाये सबसे अच्छी बात की ग्रामीण जागरूक हो रहे है जो हमारे लिये लाभदायक हैं।
पहले जानकारी के अभाव में इन्हें मार दिया जाता था पर्यावरण के लिए अजगर की भूमिका महत्वपूर्ण हैं और लगातार सिकुड़ते जंगलों की वजह से इनकी संख्या काफी कम हो गई हैं अत: इनको बचाकर सुरक्षित स्थान पर पहूंचाना अतिआवश्यक हैं।
अमुमन ठंड में सर्प विचरण नहीं करते परंतु जलवायु परिवर्तन से ठंड का मौसम घटते जा रहा हैं अत: सर्प विचरण करते हुए आवासीय स्थानों पर पहूंच रहे हैं । इससे एक दिन पुर्व बचेली निवासी बीईएमएल कर्मचारी महेंन्द्र भारद्वाज के निवास स्थान पर कामन कुकरी सर्प को बचाकर वन में सुरक्षित छोड़ा गया था।
आपको बता दे कि स्नैक कैचर स्व. प्रेम के सर्प को बचाते वक्त हुए हादसे में दुखद निधन के बाद अमित मिश्रा नें सांपों को बचाने का बीड़ा उठाया हैं तथा जिले भर से सांपों को बचाकर प्राकृतिक आवास पर पहूंचाने का कार्य कर रहे हैं ये छै सदस्यीय समूह हैं जो स्नेक सेवर के नाम से भी जानी जाती है।
इस टीम में मनोज कुमार किरंदुल, मनोज कश्यप दीपक ठाकुर अक्षय मिश्रा दंतेवाड़ा एवं अमित मिश्रा बचेली नगर में कार्यरत हैं । इस समूह के द्वारा नवंबर से अब तक 550 विभिन्न प्रजातियों के सर्पो को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया हैं। तथा सर्पो के प्रति भ्रांतियों को दूर करने हेतू जानकारियां भी प्रदान की जा रही हैं।
रेंजर अशोक सोनवानी नें कहां की सर्पो एवं अन्य पशुओं के आवासीय स्थानों पर दिखने से उन्हें नुकसान पहुंचाए बिना वन विभाग को सूचित करें ताकी हम उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहूंचाकर प्रर्यावरण के सहयोगी बन सकें ।