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संपादकीय: फिर पाकिस्तान की गीदड़भभकी

Pakistan's threats again

Pakistan's threats again

Pakistan’s threats again: आपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना की कार्यवाही से लगता है कि पाकिस्तान ने कोई सबक नहीं सिखा है। पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने फिर एक बार भारत को गीदड़भभकी दी है। की यदि भारत ने सिंधू नदी का जल रोका तो पाकिस्तान भारत की सांसे रोक देगा। गौरतलब है कि पूर्व में कुख्यात आतंकवादी हाफिज सईद ने भी इसी तरह की धमकी दी थी और बिलावल भुट्टो ने भी सिंधु नदी के जल को लेकर खून बहाने की बात की थी

भारत ने जब पाकिस्तान के खिलाफ बड़ी सैन्य कार्यवाही की और उसके आतंकी अड्डों को खत्म कर दिया साथ ही सौ से ज्यादा आतंकवादियों को जहन्नूम रसीद कर दिया और इसके बाद पाकिस्तान के दर्जन भर एयरबेसों को निशाना बनाया तो पाकिस्तान घुटनों पर आ गया और संघर्ष विराम की फरियाद करने लगा अब जबकि दोनों देशों के बीच संघर्ष विराम हो गया है तो पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता फिर धमकी चमकी देने लगे हैं।

एक ओर तो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ लगातार भारत के साथ बातचीत की पेशकश कर रहे हैं और दूसरी ओर पाकिस्तानी सेना अभी भी हेकड़ी दिखाने से बाज नहीं आ रही है। लगता है कि आर्मी चीफ असीम मुनीर की फील्ड मार्शल बन जाने से पाकिस्तानी सेना को ऐसा लग रहा है कि उसने बहुत बड़ा तीर मार लिया है। यही वजह है कि रस्सी जल गई है लेकिन बल नहीं गया है वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए पाकिस्तानी सेना फिर से गीदड़भभकी दे रही है इधर भारत ने शाहबाज शरीफ की पेशकश को ठुकराते हुए साफ कर दिया है कि पाकिस्तान के साथ अब कोई बातचीत नहीं की जाएगी।

शाहबाज शरीफ के हालिए पेशकश पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि पाकिस्तान के साथ अब सिर्फ पीओके पर ही बातचीत होगी। पाकिस्तान यह बताये कि वह कब पीओके खाली कर रहा है। गौरतलब है कि पीओके में पाकिस्तान की सरकार और पाकिस्तानी सेना के खिलाफ लोग सड़कों पर उतर चुके हैं और वे पीओके के भारत विलय की मांग जोर शोर से उठा रहे हैं।

भारत ने जब पाकिस्तान के खिलाफ आपरेशन सिंदूर सिंदूर चलाया था तब पीओके के लोगों को यह उम्मीद बंधी थी कि भारत पीओके पर कब्जा कर लेगा और इस तरह उनका चीर प्रतिक्षित सपना साकार हो जाएगा। किन्तु भारत ने ऐसा नहीं किया । दरअसल भारत पीओके पर कब्जा करने के लिए अनुकूल स्थिति की प्रतिक्षा कर रहा है। जब संघर्ष विराम हुआ तब भारत की विपक्षी पार्टियों ने भी सरकार पर यह कहकर निशाना लगाया था कि भारत ने इतनी जल्दी संघर्ष विराम करके पीओके पर कब्जा करने का सुनहरा अवसर गंवा दिया है।

किन्तु भारत इस मामले में फूंक-फूंक कर कदम रख रहा है। पीओके भारत का ही हिस्सा है और उसे लेने के लिए भारत संकल्पित है किन्तु वह इस बारे में सही समय पर सही कदम उठाएगा। पाकिस्तान को भी यही चिंता खाये जा रही है कि पता नहीं कब तक भारत और बड़ी सैन्य कर पीेओके पर कब्जा कर ले और एक बार फिर पाकिस्तान के दो टुकड़े हो जायें। यही वजह है कि एक ओर पाकिस्तान की सरकार भारत से वार्ता की पहल कर रही है। तो वहीं दूसरी ओर पाकिस्तानी सेना अपनी हेकड़ी दिखा रही है। ऐसा लगता है कि पाकिस्तानी सेना इस तरह की धमकी देकर फिर भारत को सैन्य कार्यवाही के लिए उकसा रही है।

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