Pakistan's Bad Economy : श्रीलंका की राह पर पाकिस्तान

Pakistan’s Bad Economy : श्रीलंका की राह पर पाकिस्तान

Pakistan's Bad Economy: Pakistan on the way to Sri Lanka

Pakistan's Bad Economy

Pakistan’s Bad Economy : पड़ौसी देश पाकिस्तान के हालात श्रीलंका से भी बदतर होते जा रहे है। पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो चुकी है। अपने आप को परमाणु ताकत बताकर घमंड से फूले नहीं समाने वाले पाकिस्तान में ऐसा महंगाई बम फूटा है कि उसकी अर्थव्यवस्था के परखच्चे उड़ गए है। वहां लोग दाने दाने को मोहताज हो गए है। महंगाई अपनी चरम सीमा पर पहुंच चुकी है। लोगों के पास आवश्यक वस्तुओं को खरीदने के लिए पैसे ही नहीं है। आटे की कीमत २०० रूपए किलो तक जा पहुंची है और इस कीमत पर भी लोगों को आटा नहीं मिल पा रहा है। आटे को लेकर वहां मारकाट की स्थिति निर्मिंत होने लगी है। टमाटर और प्याज जैसी वस्तुएं भी ३०० से ४०० रूपए किलों की दर से बिक रही है।

खाने पीने की समस्या तो विकराल रूप धारण कर ही चुकी है। पेट्रोल, गैस और बिजली की भी किल्लत मची हुई है। बिजली बचाने के लिए पाकिस्तान में रात्रि ८ बजे से ही दुकाने बंद कराई जा रही है। मैरिज हाल भी रात्रि १० बजे के बाद बंद हो रहे है। रसोई गैस की कीमत तो २००० रूपए तक पहुंच गई है और इस कीमत पर भी लोगों को पर्याप्त गैस नहीं मिल पा रही है। यही हाल पेट्रोल औैर डीजल का भी है। श्रीलंका में भी ऐसे ही हालात (Pakistan’s Bad Economy) निर्मित हुए थे और वहां की जनता ने सरकार के खिलाफ सड़क पर उतर कर खुली बगावत कर दी थी।

तब श्रीलंका के हुक्मरानों को देश छोड़कर भागना पड़ गया था। पाकिस्तान में भी ऐसे ही हालात निर्मित हो रहे है। पाकिस्तान के हुक्मरानों की समझ में नहीं आ रहा है कि वे इस संकट का सामना कैसे करेें। सारी दुनिया से वे मदद की गुहार लगा रहे है और पाकिस्तान में आई कथित बाढ़ का बहाना कर दुनिया के सामने झोली फैला रहे है लेकिन विदेशों से भी उन्हे आर्थिक मदद नहीं मिल पा रही है। नतीजतन पाकिस्तान में जनता का आक्रोश अब सड़कों पर फूटने लगा है। यही स्थिति रही तो पाकिस्तान में गृह युद्ध के हालात निर्मित होते देर नहीं लगेगी।

पाकिस्तान में श्रीलंका जैसे हालात बन चुके हैं. देश का विदेशी कर्ज जहां लगातार बढ़ रहा है, वहीं विदेशी मुद्रा में लगातार कमी देखी जा रही है. साल 2022 के मार्च तक देश का कपल विदेशी कर्ज 43 लाख करोड़ पाकिस्तानी रुपये तक पहुंच गया है. इस कर्ज में एक बड़ा हिस्सा इमरान खान के कार्यकाल का है. उन्होंने केवल 3 साल के दौरान कुल 1400 करोड़ पाकिस्तानी रुपये का कर्ज लिया है. इसके साथ ही देश में विदेशी मुद्रा लगभग खत्म होने के कगार पर है।

स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के पास जनवरी 2022 में कुल 16.6 अरब डॉलर थे जो अब गिरकर केवल 5.6 अरब डॉलर पर पहुंच गए हैं. ऐसे में इसमें करीब 11 अरब डॉलर की कमी दर्ज की गई है. विदेशी मुद्रा की कमी होने के पीछे सबसे बड़ा कारण है विदेशी कर्जों की किस्त का भुगतान करना।

कई एक्सपट्र्स के मुताबिक पाकिस्तान की इकोनॉमी फिलहाल ‘गंभीर’ स्थिति से गुजर रही है. ऐसे में पाकिस्तान की शहबाज शरीफ सरकार इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (ढ्ढरूस्न) से जल्द से जल्द बातचीत करके अपने ढ्ढरूस्न पैकेज की अगली किस्त तो जल्द से जल्द प्राप्त करने की कोशिश (Pakistan’s Bad Economy) कर रहा है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *