-पाकिस्तानी मीडिया में इस समय भारत के प्रधानमंत्री की चर्चा
इस्लामाबाद। Pakistani media: पाकिस्तानी मीडिया में इस वक्त भारतीय प्रधानमंत्री की जमकर चर्चा हो रही है। बड़ा दावा है कि लोकसभा चुनाव जीतने के बाद नरेंद्र मोदी सबसे पहले पाकिस्तान आएंगे। वहीं पाकिस्तानी मीडिया में चल रही खबरों को देखकर ऐसा लग रहा है कि पाकिस्तान की जनता को पूरा भरोसा है कि इस बार फिर से मोदी भारत में चुनाव जीतने वाले हैं। एक मीडिया शो के दौरान पाकिस्तान के एक वरिष्ठ पत्रकार से जब प्रधानमंत्री मोदी के पाकिस्तान दौरे के बारे में पूछा गया तो उन्होंने चौंकाने वाला जवाब दिया।
पाकिस्तानी यूट्यूबर शोएब चौधरी ने भी पाकिस्तानी मीडिया (Pakistani media) का एक क्लिप चलाया है जिसमें दावा किया गया है कि प्रधानमंत्री मोदी पाकिस्तान आ रहे हैं। दरअसल, एक मीडिया शो में एक महिला पत्रकार ने दिग्गज पाकिस्तानी पत्रकार हसन निसार से पूछा कि क्या पाकिस्तान के राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि लोकसभा चुनाव जीतने के बाद पीएम मोदी पाकिस्तान का दौरा करेंगे।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए हसन निसार ने कहा अगर नरेंद्र मोदी ऐसा करते हैं तो वह तारीख इतिहास में दर्ज हो जाएगी। नरेंद्र मोदी नेल्सन मंडेला की जगह लेंगे। मोदी दुनिया के सबसे बड़े बहुमत के पसंदीदा नेता हैं। उनका पाकिस्तान आना एक बड़ी उपलब्धि होगी। बड़ी बात है अगर वह पाकिस्तान आते हैं तो हमें बहुत खुशी होगी।
पाकिस्तानी यूट्यूबर शोएब चौधरी ने प्रधानमंत्री मोदी के पाकिस्तान दौरे को लेकर पाकिस्तान के मुख्यधारा मीडिया (Pakistani media) के पत्रकारों से भी बातचीत की। इस समय पाकिस्तानी पत्रकारों ने कहा कि यह बहुत खुशी की बात है कि श्री मोदी पाकिस्तान आ रहे हैं, इससे पाकिस्तान को बहुत फायदा होगा।
शोएब ने पूछा कि दोनों देशों के बीच तनाव है और इमरान सरकार के दौरान भारत के साथ व्यापार बंद कर दिया गया था, क्या हमें पहल नहीं करनी चाहिए? इसके जवाब में पाकिस्तानी पत्रकारों ने कहा कि देश का विकास तभी संभव है जब पड़ोसी देशों के बीच व्यापार हो।
इसी बीच एक पाकिस्तानी पत्रकार ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि नरेंद्र मोदी पाकिस्तान के बारे में अच्छा सोचते हैं, लेकिन दोनों देशों के बीच व्यापार हो तो अच्छा होगा। एक पाकिस्तानी पत्रकार ने कहा है कि पाकिस्तान में मीडिया आज़ाद नहीं है और पूरी दुनिया में भी आज़ाद नहीं है। हम वह नहीं कर सकते जो हम चाहते हैं। पिछले चार सालों में पाकिस्तान की मीडिया पर दबाव बढ़ा है।