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Pakistan Inflation : यहां देखें पाकिस्तान की बद से बदतर हालत…गेहूं की कीमत 5,000 रुपये प्रति मन

Pakistan Economic Crisis: Pakistan in times of economic crisis

Pakistan Economic Crisis

रावलपिंडी/नवप्रदेश। Pakistan Inflation : पाकिस्तान की आर्थिक हालत बद से बदतर होती जा रही है। वहां गरीबी और भुखमरी का आलम यहां तक पहुंच गया है कि करीब आधे पाकिस्तानी परिवारों की दो जून की रोटी तक नसीब नहीं हो रही है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने बताया कि गेहूं की कीमत 5,000 रुपये प्रति मन पर पहुंचने के साथ, रावलपिंडी के खुले बाजार में आटा की दर 150 रुपये प्रति किलोग्राम हो गई है। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के शहर शहर में 15 किलो गेहूं का बैग 2,250 रुपये में बेचा जा रहा है।

एक एक्स मिल रेड फ्लोर बैग 11,650 रुपए में

पाकिस्तान में एक एक्स मिल रेड फ्लोर बैग 11,650 रुपए में मिल रहा है। एक एक्स-मिल मैदा की बोरी का रेट बढ़कर 13 हजार रुपए हो गया है। पाकिस्तान फ्लोर मिल्स एसोसिएशन (पीएफएमए) के मुताबिक, खुले बाजार में गेहूं का आधिकारिक कोटा कम था और गेहूं 5,400 रुपये प्रति मन बेचा जा रहा था।

द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, रावलपिंडी के नानबाई एसोसिएशन ने कहा है कि अगर कीमतों पर काबू नहीं पाया गया तो एसोसिएशन रोटी के दाम फिर से 5 रुपये बढ़ाने पर मजबूर हो जाएगा।

चक्की के आटे की कीमत बढ़कर 145 रुपये प्रति किलो

पूरे लाहौर में साबुत अनाज के चक्की के आटे (Pakistan Inflation) की कीमत बढ़कर 145 रुपये प्रति किलो हो गई है। प्रदेश की राजधानी में अलग-अलग ब्रांड का आटा 130 रुपए किलो बिक रहा है। कीमतों में बढ़ोतरी के लिए सरकार की ओर से कम गेहूं रिलीज को जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

चक्की मालिकों के मुताबिक, पंजाब में आटे के दामों में बढ़ोतरी के लिए अनाज की कमी और गेहूं के ऊंचे समर्थन मूल्य जिम्मेदार हैं।

पीएफएमए के पूर्व अध्यक्ष खलीक अरशद ने द एक्सप्रेस ट्रिब्यून को बताया कि पंजाब खाद्य विभाग द्वारा मुश्किल से 21,000-22,000 टन गेहूं जारी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सिंध, खैबर-पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान में सरकारी गेहूं की कीमतों का भी वही हाल है। उन्होंने कहा, ‘बाजार में मांग की तुलना में पर्याप्त अनाज नहीं है।’

आटे की तस्करी और कालाबाजारी मूल्य वृद्धि के लिए जिम्मेदार

अरशद ने कहा कि बाजार की मौजूदा स्थिति की पूरी जानकारी होने के बावजूद सरकार ने गेहूं के आयात में देरी की है। द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के हवाले से उन्होंने कहा, ‘गेहूं के आटे की तस्करी और कालाबाजारी मूल्य वृद्धि के लिए जिम्मेदार अन्य कारक हैं।’ अरशद ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध ने भी गेहूं के आयात को मुश्किल बना दिया था।

हाल ही में बताया कि मांस की कीमतों में विशेष (Pakistan Inflation) रूप से चिकन, चावल और गेहूं के आटे में वृद्धि ने पाकिस्तान में साप्ताहिक मुद्रास्फीति को 1.09 प्रतिशत बढ़ा दिया।

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