इस्लामाबाद/a.। पाकिस्तान के सेना प्रमुख इमरान खान (Pakistan Army Chief Imran Khan) ने दावा किया (Claimed) है कि उन्होंने पाकिस्तान में सरकार (Government won in Pakistan) जीती है। विपक्षी समूहों (Opposition groups) ने विधानसभा (Boycott of assembly) का बहिष्कार करने का आह्वान किया।
2018 में इमरान खान को सत्ता में लाने के लिए एक बड़ी साजिश रची गई थी, पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी और पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) पर लगाए गए आरोप। इस पर, जनरल कमर जावेद बाजवा ने कहा कि सेना द्वारा की गई कार्रवाई उचित और देश के हित में थी।
पाकिस्तान में पहली बार विपक्षी दलों ने सेना के खिलाफ बोलना शुरू कर दिया है। इससे पहले, केवल सैन्य पर राजनीतिक हस्तक्षेप का आरोप लगाया गया था। पाकिस्तानी सेना पर पहला हमला पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने किया था। सेना ने 2018 के चुनावों में इमरान खान को सत्ता में लाने के लिए एक बड़ा घोटाला किया है।
वर्दी पहनकर देश की राजनीति में दखल देना देशद्रोह है, शरीफ ने आरोप लगाया था। इन गंभीर आरोपों से नाराज होकर इमरान खान ने शरीफ पर आईएसआई और सेना का अपमान करके बहुत ही खतरनाक चाल चलने का आरोप लगाया था।
यह भी कहा कि चुनाव में सेना का कोई हाथ नहीं था। महत्वपूर्ण बात यह है कि नवाज शरीफ तीन बार पाकिस्तान के प्रधानमंत्री रहे हैं, लेकिन कभी भी अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए।