पाकिस्तान। Pakistan : पाकिस्तान के पेशावर शहर में मस्जिद में हुए बम विस्फोट के बाद वहां की पुलिस भी घबराहट और असमंजस की शिकार है। पेशावर पुलिस के जवानों और अधिकारियों ने बुधवार को विरोध प्रदर्शन भी किया। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सरकार ने उनके हाथ बांधकर उन्हें जानवरों के सामने फेंक दिया है। उनका कहना है कि हर दिन हमारे साथी मारे जा रहे हैं। हम सदमे से उबर नहीं पा रहे हैं। पेशावर पुलिस के जवानों का कहना है कि जब रखवाले ही सुरक्षित नहीं हैं तो फिर इस देश में कौन सुरक्षित है?
पेशावर पुलिस के एक जूनियर अधिकारी ने पहचान (Pakistan) गुप्त रखने की शर्त पर बताया कि ‘इस लड़ाई में हम मोर्चे पर हैं। हम स्कूल, ऑफिस और सार्वजनिक जगहों पर रक्षा करते हैं लेकिन आज हमे ही बेसहारा की तरह महसूस हो रहा है। सरकार ने हमारे हाथ बांधकर हमें जानवरों के सामने फेंक दिया है।’ बता दें कि पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा राज्य की सीमा अफगानिस्तान से लगती है और पेशावर इसकी राजधानी है। सीमा से लगे होने के चलते पेशावर में आए दिन आतंकी हमले हो रहे हैं। यही वजह है कि तहरीक ए तालिबान पाकिस्तान के आतंकियों के साथ लड़ाई में आए दिन पेशावर पुलिस के जवान मारे जा रहे हैं।
पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सरकार के फैसलों से असमंजस की स्थिति पैदा हो रही है। एक अधिकारी ने बताया कि ‘एक दिन हमें बताया जाता है कि सीजफायर हो गया है और शांति हो गई है। अगले दिन हमें पता चलता है कि सीजफायर नहीं हुआ है और हमें लड़ाई के लिए तैयार रहना है। यह हैरान करने वाला है।’
आतंकी घटनाओं को लेकर पुलिसकर्मियों में कितना गुस्सा और डर है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि एक पुलिसकर्मी ने बताया कि ‘जब हम अपने घरों से निकलते हैं तो हमें नहीं पता कि हम कब निशाना बन जाएंगे। आज उनकी जान गई है और हो सकता है कि कल हम निशाना बन जाएं। एक अन्य पुलिसकर्मी ने बताया कि हम घर से निकलते हुए अपने घरवालों को गले लगकर निकलते हैं क्योंकि हमें नहीं पता कि हम जिंदा वापस आएंगे भी या नहीं!’
अफगानिस्तान ने पाकिस्तान को दिखाया आईना
पेशावर हमले को लेकर तालिबान ने बुधवार को पाकिस्तान को आईना दिखाया। अफगानिस्तान के कार्यकारी विदेश मंत्री आमिर मुत्तकी ने पाकिस्तान को सलाह देते हुए कहा कि अपनी असफलताओं का ठीकरा दूसरों पर मत फोड़ों और पेशावर हमले की जांच पर ध्यान दो। उन्होंने कहा कि अगर अफगानिस्तान आतंकवाद का केंद्र है तो फिर यह चीन, मध्य एशिया और ईरान में भी होना चाहिए था। मुत्तकी ने कहा कि ‘हमारे इलाके में युद्ध और बम ब्लास्ट हुए हैं लेकिन बीते 20 सालों में हमने कोई आत्मघाती हमलावर नहीं देखा, जो खुद को उड़ाकर मस्जिद की छत को गिरा दें और सौ से ज्यादा लोगों की हत्या कर दे।’
बता दें कि बीते दिनों पेशावर के पुलिस लाइंस इलाके में स्थित एक मस्जिद में आत्मघाती हमले में 101 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे। मृतकों में अधिकतर पुलिसकर्मी थे। जांच में पता चला है कि आतंकी पुलिस की वर्दी में आया था और मस्जिद में नमाज के दौरान उसने खुद को बम से उड़ा लिया था। विस्फोट में 10-12 किलो टीएनटी का इस्तेमाल किया गया था, जिसकी वजह से धमाका (Pakistan) इतना तेज था मस्जिद की दीवारें और छत भी गिर गई, जिसकी वजह से जान-माल का बहुत नुकसान हुआ।