लाहौर । पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में कुछ स्थानीय लोगों ने औकाफ विभाग के अधिकारियों की कथित मौन सहमति से सदियों पुराने गुरु नानक महल का एक बड़ा हिस्सा तोड़ दिया। उसकी कीमती खिड़कियां एवं दरवाजे बेच दिए। डॉन समाचार पत्र की रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। रिपोर्ट के अनुसार इस 4 मंजिला इमारत की दीवारों पर सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव के अलावा हिंदू शासकों और राजकुमारों की तस्वीरें थीं।
4 सदी पुराने महल को देखने दुनियाभर से आते रहे हैं सिख
रिपोर्ट के अनुसार ऐसा बताया जाता है कि बाबा गुरु नानक महल 4 सदी पहले बनाया गया था और इसमें भारत समेत दुनियाभर से सिख आया करते हैं। इसमें बताया गया है कि प्रांतीय राजधानी लाहौर से करीब 100 किलोमीटर दूर नारोवाल शहर में बने इस महल में 16 कमरे थे और हर कमरे में कम से कम 3 नाजुक दरवाजे और कम से कम 4 रोशनदान थे। रिपोर्ट में बताया गया है कि औकाफ विभाग के अधिकारियों की कथित मौन सहमति से स्थानीय लोगों के एक समूह ने महल को आंशिक रूप से ध्वस्त कर दिया और उसकी कीमती खिड़कियां, दरवाजे और रोशनदान भी बेच दिए।
स्थानीय लोगों का आरोप, ‘तोडफ़ोड़ की शिकायत पर कार्रवाई नहीं हुई
अधिकारियों को इस महल के मालिक के बारे में कोई जानकारी नहीं है। स्थानीय निवासी मोहम्मद असलम ने कहा, ‘इस पुरानी इमारत को बाबा गुरु नानक महल कहा जाता है और हमने उसे महलां नाम दिया है। भारत समेत दुनियाभर से सिख यहां आया करते थे। एक अन्य स्थानीय निवासी मोहम्मद अशरफ ने कहा, ‘औकाफ विभाग को इस बारे में बताया गया कि कुछ प्रभावशाली लोग इमारत में तोड़ फोड़ कर रहे हैं, लेकिन किसी भी अधिकारी ने कोई कार्रवाई नहीं की और न ही कोई यहां पहुंचा।
अधिकारियों पर भी तोडफ़ोड़ की सहमति देने का आरोप
अशरफ ने कहा, ‘प्रभावशाली लोगों ने औकाफ विभाग की मौन सहमति से इमारत को ध्वस्त कर दिया और उसकी कीमती खिड़कियां, दरवाजे, रोशनदान और लकड़ी बेच दीं। समाचार पत्र ने कहा कि उसने इवेक्यूई ट्रस्ट प्रॉपर्टी बोर्ड (ईटीपीबी) के उपायुक्त से लेकर इमारत में रहने वाले परिवार तक कई लोगों से बात करने की कोशिश की। यह पता लगाया जा सके कि इमारत की कानूनी स्थिति क्या है, इसका मालिक कौन है और कौन सी सरकारी एजेंसी इसका रेकॉर्ड रखती है, लेकिन समाचार पत्र को कोई जानकारी नहीं मिल सकी।
स्थानीय प्रशासन ने कहा, ‘हम मामले की जांच कर रहे हैं
नरोवाल के उपायुक्त वहीद असगर ने कहा, ‘राजस्व रेकॉर्ड में इस इमारत का कोई जिक्र नहीं है। यह इमारत ऐतिहासिक प्रतीत होती है और हम नगरपालिका समिति के रेकॉर्ड की जांच कर रहे हैं। ईटीपीबी सियालकोट क्षेत्र के रेंट कलेक्टर राणा वहीद ने कहा, ‘हमारी टीम गुरु नानक महल बाटनवाला के संबंध में जांच कर रही हे। यह यह संपत्ति ईटीपीबी की है तो इसमें तोडफ़ोड करने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इलाके के लोगों ने प्रधानमंत्री इमरान खान से तोडफ़ोड़ के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया है।