नवप्रदेश संवाददाता
पखांजूर। प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत क्षेत्र में चल रहे करोड़ो की लागत से बन रही सड़के भ्रस्टाचार की भेंट चढ़ती जा रही है।बावजूद संबंधित विभाग इस ओर क्यों ध्यान नही दे रहा है यह समझ से परे है।गौरतलब है कि पिव्ही 97 से पानावर तक बन रही सड़क गुणवत्ताहीन रहा है।जिसको लेकर प्रमुखता से खबर प्रकाशित कर ध्यानाकर्षित करने का प्रयास किया था।बावजूद सबंधित विभाग के अधिकारियो ने गंभीरता से नही लिया।जिसके चलते गुणवत्ताहीन तरीके से चल रहे सड़क निर्माण कार्य अब डामरीकृत करने की तैयारी चल रही है ।यदि उक्त गुण बढ़ रहे हो वत्ताहीन हुए सड़क निर्माण में डामरीकृत किया गया तो दो महीने में ही गुणवत्ताहीन सड़क की पोल खुल जाएगी।लेकिन इस मामले को लेकर संबंधित विभाग बिल्कुल भी गंभीर नही है।
गौरलतब है कि गुणवत्ताहीन चल रहे सड़क निर्माण की जानकारी कलेक्टर को दी गई थी,जिसपर कलेक्टर ने मामले की जांच करने व गुणवत्तापूर्ण तरीके से कार्य कराने का आश्वासन के साथ गुड़ावत्ताहीन तरीके से कार्य होने पर कार्रवाही करने की बात कही गई थी।लेकिन मामले को लेकर प्रशासन अब भी गंभीर नजर नही आ रहा है।
गुणवत्ताहीन सड़क में किया जा रहा इमल्सन
गौरतलब है कि उक्त सड़क गुणवत्ताहीन तरीके से निर्माण कराया जा रहा है। जिसमे अब इमल्सन किया जा रहा है जिसके बाद डामरीकृत किया जाएगा।यदि ऐसा हुआ तो दो महीने के भीतर ही गुणवत्ता की पोल खुल जाएगी।
जेएसबी से लेकर डब्ल्यूबीएम तक लेवल गुड़ावत्ताहीन
पिव्ही97 से पानावर तक बन रही सड़क में दानेदार मुरुम के जगह गुणवत्ताहीन मिट्टियुक्त मुरुम डाला गया है जो अब धसने लगा है साथ ही डब्ल्यूबीएम लेवल में 40 एमएम का क्रसर मेटल डाला जाना चाहिए लेकिन अधिकारियो की मॉनिटरिंग न करने व प्रशासन की निष्क्रियता का भरपूर फायदा उठाते हुए ठेकेदार द्वारा पहाड़ी गिट्टी अवैध रूप से तोड़वा कर डब्ल्यूबीएम लेवल किया गया।जो कि निर्धारित मानक के अनुरूप बहुत बड़ा साइज व गुणवत्ताहीन गिट्टी है।इसके ऊपर यदि सड़क निर्माण होता है तो दो महीने में ही सड़क धसने लगेगा ।
पुलियों में डाला गया पत्थर
निर्माधिन सड़क में बन रही पुलियों में पत्थर और बोल्डर डालकर बनाया गया है।जिसमे दरारे साफ नजर आ रही है।जो कि पुलिया की गुडवत्ता की पोल खोलता साबित हो रहा है बावजूद प्रशासन कुम्भकर्णी नींद से उठने का नाम नही ले रहा यह समझ से परे है।मामले की जानकारी होने के बावजूद प्रशासनिक निष्क्रियता साफ साबित करती है कि प्रशासन भी उक्त सड़क को भ्रस्टाचार की भेंट चढ़ाना चाहती है साथ ही किसी बड़ी अप्रिय घटना के इंतजार में है।
निर्माण स्थल तक नहीं आते अधिकारी
पीएमजीएसव्हाई के तहत क्षेत्र में करोड़ो रूपये का सड़क निर्माण कार्य जारी है,लेकिन सम्बंधित विभाग के आला अधिकारी एकबार भी निर्माण स्थल पर पहुंचना मुनासिफ नही समझते।जिसके चलते क्षेत्र में सक्रिय फर्जी फर्जी ठेकेदारों द्वारा भरपूर फायदा उठा कर गुड़ावत्ताहीन तरीके से कार्य कराया जा रहा।
अधिकारी छुड़ा रहे अपना पीछा
इस पूरे मामले को संबंधित इंजीनियर इत्तर सिंह मंडावी को जानकारी दी गई तो उन्होंने मामले को सुनने के बाद कुछ फोन काट दिया जिसके बाद फोन बंद कर दिया गया।गौरतलब है कि जिम्मेदार अधिकारी कर्मचारी जब इस कदर अपनी जिम्मेदारियो से पीछा छोडाते रहेंगे तो काम कैसे होगा।वहीं इस पूरे मामले में संबंधित इंजीनियर के पीछा छुड़ाने से साफ साबित होता है कि मामले में भ्रस्टाचार हो रहा है।अब यह देखना होगा कि जिले में बैठे अधिकारी इस पूरे मामले को लेकर कितना गंभीर होते है।